यूक्रेन के इस शहर को कब्जाने के मूड में हैं पुतिन? सीमा पर तैनात किए 1.25 लाख सैनिक, अब क्या करेंगे जेलेंस्की?

    Russia Ukraine War: रूस ने यूक्रेन के खिलाफ निर्णायक जंग की तैयारी पूरी कर ली है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देशों के तहत रूस ने यूक्रेन के रणनीतिक शहर पोकरोवोस्क की सीमाओं पर करीब 1,10,000 सैनिकों का तैनाती कर दिया है.

    Russia Ukraine War 1.25 lakh Russian soldiers deployed near Pokrovsk city
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    Russia Ukraine War: रूस ने यूक्रेन के खिलाफ निर्णायक जंग की तैयारी पूरी कर ली है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देशों के तहत रूस ने यूक्रेन के रणनीतिक शहर पोकरोवोस्क की सीमाओं पर करीब 1,10,000 सैनिकों का तैनाती कर दिया है. इस योजना को ‘P प्लान’ कहा जा रहा है, जिसमें किसी भी वक्त इस महत्वपूर्ण शहर पर हमला किया जा सकता है. पुतिन के हालिया बयान ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिसमें उन्होंने पूरे यूक्रेन को अपने देश का हिस्सा बताकर कब्जा करने का इरादा जाहिर किया.

    पोकरोवोस्क: युद्ध का अहम मोर्चा

    यूक्रेनी सेना के प्रमुख ओलेक्सेंद्र सिरस्की के मुताबिक, लगभग 1200 किलोमीटर लंबे युद्ध मोर्चे में पोकरोवोस्क सबसे अहम और संवेदनशील इलाका है. रूस पिछले एक साल से इस शहर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यूक्रेनी सेना की मजबूत रक्षा ने उसे लगातार नाकाम किया है. पुतिन का उद्देश्य डोंटेस्क और लुहांस्क के पूर्वी हिस्सों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करना है, जो अभी तक आंशिक ही हैं.

    युद्ध की रणनीति और रसूखदार क्षेत्र

    पोकरोवोस्क सड़क और रेल कनेक्शन के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है. यह इलाका युद्ध की आपूर्ति रेखा के तौर पर काम करता है, जिससे सेना के अन्य ठिकानों तक सप्लाई पहुंचती है. डोंटेस्क के आसपास के क्षेत्रों जैसे कोस्तियांतनिवका, करामातोर्स्क और स्लोवियांस्क को यूक्रेन की मजबूत रक्षा रेखा माना जाता है. यहाँ की स्थिति युद्ध की दिशा तय कर सकती है.

    यूक्रेनी पलायन और खदानों की दुर्दशा

    पोकरोवोस्क में लगभग 60 हजार लोग रहते हैं, लेकिन युद्ध के कारण बड़ी संख्या में नागरिक सुरक्षित इलाकों की ओर पलायन कर चुके हैं. शहर की आखिरी कोयला खदान भी युद्ध की चपेट में आ गई है, जिससे सैकड़ों कर्मचारी भी भागने को मजबूर हुए.

    ड्रोन और कुर्स्क ऑपरेशन से रूस को झटका

    यूक्रेनी सेना ने अब ड्रोन हमलों को अपनी ताकत बना लिया है, जो मोर्चे पर रक्षा कवच की भूमिका निभा रहे हैं. हाल ही में कुर्स्क इलाके में यूक्रेन ने अचानक हमला किया, जिससे रूस को लगभग 70 हजार सैनिकों को वहां तैनात करना पड़ा. इससे रूस की मुख्य लड़ाई कमजोर हुई और अब वह सीधे हमले के बजाय दक्षिण और उत्तर-पश्चिमी दिशा से घेराबंदी की रणनीति अपना रहा है.

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