रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया धमकियों पर तीखा पलटवार किया है. दरअसल, ट्रंप ने रूस को यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए 10 से 12 दिनों का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद मेदवेदेव ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आड़े हाथों लिया. मेदवेदेव ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह रूस के साथ "अल्टीमेटम गेम" खेल रहे हैं, और यह रूस और अमेरिका के बीच युद्ध की ओर एक बड़ा कदम हो सकता है.
ट्रंप ने स्कॉटलैंड दौरे के दौरान रूस के खिलाफ कड़े बयान दिए थे. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को समाप्त करने के लिए कोई प्रगति नहीं की, तो अमेरिका रूस और उसके निर्यात खरीदारों पर प्रतिबंध लगा देगा. ट्रंप ने कहा, "अब कोई समय बर्बाद करने का मतलब नहीं है. हमें कोई प्रगति नहीं दिख रही है."
ट्रंप की चेतावनी और अल्टीमेटम
इससे पहले, ट्रंप ने रूस को 50 दिनों की समय सीमा दी थी, लेकिन इस बार उन्होंने उसे और कम कर दिया और इसे 10 से 12 दिन तक सीमित कर दिया. ट्रंप ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात के दौरान यह बयान दिया था, और रूस से तत्काल कदम उठाने की अपील की थी.
मेदवेदेव का तीखा पलटवार
ट्रंप की इस धमकी का जवाब देते हुए मेदवेदेव ने एक्स पर लिखा, "ट्रंप रूस के साथ अल्टीमेटम गेम खेल रहे हैं: 50 दिन या 10... उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए. रूस इज़रायल या ईरान नहीं है. हर नया अल्टीमेटम एक खतरा है और युद्ध की ओर एक कदम है. यह रूस और यूक्रेन के बीच नहीं, बल्कि ट्रंप के अपने देश के साथ हो सकता है." मेदवेदेव ने इस टिप्पणी के साथ ट्रंप को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की नीतियों का अनुसरण करने से भी मना किया. उन्होंने कहा, "स्लीपी जो वाले रास्ते पर मत जाइए," जो कि बाइडन के लिए एक तंज था.
क्या इसका अर्थ युद्ध की ओर बढ़ना है?
मेदवेदेव के बयान ने ट्रंप की धमकियों को गंभीर रूप से लिया है और इसे अमेरिकी राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक नए संघर्ष का संकेत माना जा रहा है. जहां एक ओर ट्रंप ने रूस को अल्टीमेटम दिया है, वहीं दूसरी ओर रूस का यह स्पष्ट कहना है कि ऐसे अल्टीमेटम के खेल से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलने वाला. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप की धमकियां और रूस की प्रतिक्रिया आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर और अधिक असर डालेंगी, या फिर यह केवल एक कूटनीतिक विवाद ही रह जाएगा.
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