Russia Ukraine War: पूर्वी यूरोप एक बार फिर अस्थिरता के मुहाने पर खड़ा है. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है. "द मास्को टाइम्स" की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूक्रेन सीमा पर 50,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती कर दी है. यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब दोनों देशों के बीच युद्धविराम को लेकर कूटनीतिक चर्चाएं चल रही हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन के सुमी क्षेत्र में कई गांवों पर कब्जा कर लिया है और अब बड़ा जमीनी हमला करने की तैयारी में है. जवाब में यूक्रेन सरकार ने सीमा से सटे 11 और गांवों को खाली कराने का आदेश जारी कर दिया है. इन गांवों को खाली कराने का कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब आशंका जताई जा रही है कि मॉस्को एक बार फिर से जमीनी स्तर पर आक्रामक अभियान चला सकता है.
सुमी बन सकता है अगला युद्धक्षेत्र
यूक्रेन की सीमा सुरक्षा सेवा के प्रवक्ता एंड्री डेमचेंको ने चेतावनी दी है कि रूस सुमी क्षेत्र पर बड़ा हमला कर सकता है. यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, अब तक 213 गांवों को खाली कराने का आदेश दिया जा चुका है. रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि उनकी सेना ने वोडोलागी गांव पर भी कब्जा कर लिया है.
शांति वार्ता की आड़ में दबाव की रणनीति?
दिलचस्प बात यह है कि रूस ने ये हमले ऐसे समय पर तेज किए हैं, जब दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर वार्ता की तैयारियां चल रही हैं. अगली बैठक 2 जून को तुर्की के इस्तांबुल में प्रस्तावित है. रूस ने तो अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है, लेकिन यूक्रेन का रुख अभी अस्पष्ट है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुतिन जानबूझकर वार्ता की संभावनाओं को कमजोर कर रहे हैं और अपनी शर्तें थोपने के लिए युद्ध का इस्तेमाल कर रहे हैं.
दो साल से जारी है तबाही
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत फरवरी 2022 में हुई थी. तब से लेकर अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और कई शहर मलबे में तब्दील हो चुके हैं. रूस अब तक यूक्रेन के पांच क्षेत्रों पर कब्जा कर चुका है, जिनमें क्रीमिया भी शामिल है जिसे उसने 2014 में ही हथिया लिया था. दुनिया की नजरें एक बार फिर पूर्वी यूरोप की उथल-पुथल पर टिकी हैं, जहां एक चिंगारी कभी भी बड़े विस्फोट में बदल सकती है.
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