नई दिल्ली: भारत 24 के 'Progressive Gujarat' कार्यक्रम में कई दिग्गजों ने शिरकत की. इस दौरान गुजरात के सीएम भूपेंद्रभाई पटेल, स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल समेत कई मेहमान आए. सभी मेहमानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 'प्रोग्रेसिव गुजरात' के बारे में बताया.
सवाल- आगे क्या कुछ होने वाला है और गुजरात को लेकर आपका क्या विज़न है?
रुशिकेश पटेल का जवाब- यहां पर जितने भी नए-नए इनिशिएटिव लिए गए, आज पूरे भारत के अंदर उसी तरह से अपनाए गए हैं. जब मोदी साहब यहां काम करते थे, तब भी उनका विज़न भारत का ही था, लेकिन शुरुआत गुजरात से हुई. और यहां तो हम डबल इंजन की सरकार कहते हैं. यहां पर हेल्थ का कोई भी विषय हो, तो ऊपर केंद्र से भी मदद मिलती है.
हमारे यहां हेल्थ सेक्टर के अंदर बहुत सारे इनिशिएटिव लिए गए हैं. मोदी साहब ने मन में ठाना था कि अहमदाबाद के आसारवा स्थित सिविल हॉस्पिटल को ऐसा हब बनाएंगे, मेडिसिटी हब बनाने का उन्होंने सोचा था. आज वह काम, आदरणीय भूपेंद्र भाई के नेतृत्व में, करीब-करीब पूरा हो गया है.
इतना ही काफी नहीं था. गुजरात मुख्यतः चार विभागों में बांटा गया है: सौराष्ट्र, मध्य गुजरात, उत्तर गुजरात और दक्षिण गुजरात. उत्तर गुजरात के लिए सबसे बड़ा सेंटर अहमदाबाद रहता है, और यहां महाराष्ट्र, राजस्थान और एमपी से बहुत सारे पेशेंट आते हैं. बहुत सारे हमारे राजनीतिज्ञ भी दूसरी जगह से हमें फोन करके यहां सिविल में इलाज के लिए लोगों को भेजते हैं और खुद भी सलाह लेते हैं. वैसे भी बहुत सारे लोग यहां आ रहे हैं.
LIVE | #ProgressiveGujaratOnBharat24 : ''स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐसा कोई Equipment नहीं है, जो भारत के पास Available नहीं है, Equipment के मामले में भारत सबसे आगे है''- Dr. Amit Gupta, Co-founder, Airmed, Pathology Labs and Usmanpura Imaging
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) June 7, 2025
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अब तय किया गया है कि जैसे-जैसे अहमदाबाद में पेशेंट लोड बढ़ा है, उसी तरह पूरे राज्य में मेडिसिटी की व्यवस्था बनाई जाएगी. अहमदाबाद में यूएन मेहता, GCRI (गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट), IKDRC (किडनी और लीवर अस्पताल), स्पाइन इंस्टिट्यूट, एमएन ऑप्थलमोलॉजी सहित हर स्पेशियलिटी की सुविधा सिविल में है. ऐसी ही व्यवस्था सौराष्ट्र, वडोदरा (मध्य गुजरात), और दक्षिण गुजरात में भी होगी.
मतलब हर क्षेत्र में मल्टीस्पेशियलिटी इलाज के लिए यह व्यवस्था खड़ी की जा रही है. साथ ही अर्बन और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर — दोनों में पूरा ध्यान दिया गया है.
राज्य में 10,280 आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं. साथ में 355 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और करीब 1,538 प्राइमरी हेल्थ सेंटर हैं. साथ में 70 सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और करीब 42 मेडिकल कॉलेज हैं.
एक समय था जब कोई भी सरकार हेल्थ की सुविधा देने का मन बना भी ले, तो डॉक्टरों की कमी सबसे बड़ी चुनौती होती थी. एमबीबीएस यानी यूजी और पीजी डॉक्टर्स की भूमिका अहम होती है. जब नरेंद्र भाई मोदी साहब ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला, तब यूजी की सीटें करीब 1,100 थीं और पीजी की सीटें उससे भी कम थीं.
लेकिन आज स्थिति यह है कि यूजी की सीटें बढ़कर 7,250 हो गई हैं. यानी हर साल इतने MBBS डॉक्टर मिलना शुरू हो गए हैं. पीजी सीटें भी अब करीब 3,650 हो चुकी हैं. इसी साल हमने पीजी सीट के लिए 1,100 एसेंशियलिटी सर्टिफिकेट भी दिए हैं, जिससे सीटों में और बढ़ोतरी होगी.
जितने भी हमारे हेल्थ सेंटर हैं, वहां पर डॉक्टर मिलेंगे. पहले के मुकाबले अब टेस्ट की सुविधाएं भी अधिक हैं. हर जगह डायग्नोस्टिक की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
यानी मैनपावर और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों में पब्लिक सेक्टर के अंदर बहुत काम किया गया है.
आप जानते ही हैं कि भारत में जो आयुष्मान कार्ड इंट्रोड्यूस हुआ, उसकी सोच मोदी साहब की थी और वह यहीं गुजरात से शुरू हुई थी. 'महा कार्ड' और 'मा-वात्सल्य कार्ड' यहीं से शुरू हुए थे. आज पूरे भारत को उसका लाभ मिल रहा है.
पानी की व्यवस्था हो या अन्य मूलभूत सुविधाएं — गुजरात को 'रोल मॉडल स्टेट' यूं ही नहीं कहा जाता. जो सुविधा सामान्य जन को चाहिए, वह सुविधा देने का काम गुजरात ने किया है. इसी वजह से सबकी निगाहें गुजरात पर टिकी हुई हैं. और इसी वजह से जो गुजरात से अपेक्षा थी, नेतृत्व से जो अपेक्षा थी — वह आदरणीय मोदी साहब आज पूरे भारत में पूरा कर रहे हैं.