Shahjahanpur News: तकनीक के इस दौर में ठगी के तरीके भी हाईटेक हो गए हैं. अब ठग सिर्फ फोन या मैसेज से ही नहीं, बल्कि वीडियो कॉल और डिजिटल कोर्ट बनाकर लोगों को फंसा रहे हैं. ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति से फर्जी CBI अफसर बनकर बात की गई, फिर ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया गया और ‘वीडियो कोर्ट’ में पेश कर उससे एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली गई.
कैसे हुई ठगी की शुरुआत?
शाहजहांपुर के चौक कोतवाली क्षेत्र निवासी पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि 6 मई को उसे एक कॉल आया. फोन करने वाला खुद को CBI का अफसर "विजय खन्ना" बता रहा था. उसने पीड़ित को बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस से उसके खिलाफ शिकायत आई है, जिसमें आरोप है कि उसके अकाउंट से मुंबई स्थित सेंट्रल बैंक में 2.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं. पीड़ित ने इस ट्रांजेक्शन से साफ इनकार कर दिया और बताया कि वह पिछले 20 सालों से मुंबई गया ही नहीं है.
डिजिटल कोर्ट का झांसा
इसके बाद 7 मई को ठगों ने दूसरा फेज शुरू किया. इस बार पीड़ित को बताया गया कि उसे जस्टिस खन्ना की कोर्ट में पेश होना है. यह पेशी एक वीडियो कॉल के जरिए हुई, जिसे ‘डिजिटल कोर्ट’ बताया गया. वहां जज की भूमिका में एक और व्यक्ति ने पीड़ित को बताया कि उसकी 94 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट है, जिसे लिक्विडेट कर उनके बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाए ताकि उसे बेल मिल सके.
ठगी के दबाव और भ्रम में आकर 14 मई को पीड़ित ने 71 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए दिए गए बैंक अकाउंट में भेज दिए. इसके बाद उसे एक फर्जी बेल ऑर्डर की कॉपी भी व्हाट्सएप पर भेजी गई. भरोसा बनाए रखने के लिए आरोपियों ने दोबारा 9.50 लाख रुपये, फिर 23.45 लाख और अंत में 32 हजार रुपये फोन-पे से भी मंगवा लिए. कुल मिलाकर पीड़ित से करीब 1 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई.
पुलिस जांच में जुटी
शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शुरुआती जानकारी में यह सामने आया है कि आरोपियों ने बेहद पेशेवर तरीके से फर्जी पहचान और डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर पूरा जाल बिछाया. अब पुलिस तकनीकी साक्ष्य और बैंक डिटेल्स के आधार पर साइबर अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.
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