उत्तर प्रदेश के औरैया जिले ने पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यहां के ग्राम पंचायत बूढ़ादाना में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक से सड़क निर्माण की पहल शुरू की गई है, जो न केवल प्लास्टिक कचरे के निस्तारण में मदद करेगी, बल्कि मजबूत और जलरोधी सड़कों का निर्माण भी संभव बनाएगी.
प्लास्टिक से सड़क निर्माण की प्रक्रिया
ग्राम पंचायत बूढ़ादाना में स्थापित रिसोर्स रिकवरी सेंटर में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक जैसे बिस्कुट के रैपर, मसाले के पैकेट आदि एकत्रित किए जाते हैं. इन प्लास्टिक कचरे को छांटने के बाद फटका मशीन में डाला जाता है, जहां से यह श्रेडर मशीन द्वारा बारीक कतरनों में बदला जाता है. फिर इन कतरी हुई प्लास्टिक को डामर के साथ मिलाकर सड़क निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है. यह प्रक्रिया डामर और सीसी रोड से अधिक मजबूत और जलरोधी सड़कों का निर्माण करती है.
प्रशासनिक समर्थन और भविष्य की योजनाएं
जिलाधिकारी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीक डामर और सीसी रोड से ज्यादा मजबूत और जलरोधी है. उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 4 कुंतल प्लास्टिक को कतरन में बदला जा चुका है, और यह लगभग 10 कुंतल हो जाने पर सड़क निर्माण के लिए भेजा जाएगा. इस पहल के सफल होने पर अन्य क्षेत्रों में भी इसे लागू करने की योजना है.
यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह अन्य जिलों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत करती है. यदि यह प्रक्रिया अन्य क्षेत्रों में भी अपनाई जाती है, तो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और टिकाऊ सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है.
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