Jehanabad News: बिहार के जहानाबाद जिले में एक सड़क ऐसी बनी है, जो जितनी महंगी है, उतनी ही खतरनाक भी. करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही यह सड़क लोगों के लिए राहत से ज्यादा मुसीबत बन गई है. इसकी वजह सड़क के बीचों-बीच खड़े पेड़ हैं. हैरानी की बात यह है कि सड़क बनाते समय इन पेड़ों को हटाया ही नहीं गया. अब इन पेड़ों से टकराकर लोग घायल हो रहे हैं, खासकर रात के समय जब रोशनी का नामोनिशान नहीं होता.
सड़क बनी, लेकिन पेड़ वहीं के वहीं
यह मामला जहानाबाद से गया जाने वाली मुख्य सड़क का है. एरकी गांव के पास सड़क का चौड़ीकरण किया गया, लेकिन वन विभाग से NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) न मिलने के कारण पेड़ों को हटाया नहीं गया. पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता धनंजय कुमार के मुताबिक, इस 7.2 किलोमीटर लंबे हिस्से पर लगभग 98 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. काम अप्रैल 2022 में शुरू हुआ और अप्रैल 2025 तक इसे पूरा करना है. लेकिन NOC के इंतजार में काम अधूरा और खतरनाक हालात में छोड़ दिया गया.
पेड़ों के चलते रात में बढ़ा खतरा
रात के समय इन पेड़ों से बचना किसी चमत्कार से कम नहीं. सड़क पर लाइटिंग की व्यवस्था न होने से राहगीर चकमा खा जाते हैं. कई वाहन सवार इन पेड़ों से टकराकर घायल हो चुके हैं. स्थानीय लोग इसे प्रशासन की लापरवाही मानते हैं, जबकि विभाग खुद को वन विभाग की प्रक्रिया में फंसा हुआ बता रहा है.
बिहार के जहानाबाद का एक ऐसा सड़क है जो पर्यावरण संरक्षण की मिसाल हैं। pic.twitter.com/DhpcJT7fA8
— छपरा जिला 🇮🇳 (@ChapraZila) June 29, 2025
प्रशासन की चेतावनी और अस्थायी उपाय
जिला प्रशासन और एसडीओ राजीव रंजन सिन्हा ने स्थिति को गंभीर मानते हुए संवेदक को निर्देश दिया है कि पेड़ों के चारों ओर रेडियम लाइट्स लगाई जाएं ताकि रात में लोग उन्हें देख सकें. साथ ही पथ निर्माण विभाग और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त टीम भी बनाई जा रही है, जो यहां निगरानी रखेगी.
प्रशासन ने की सार्वजनिक अपील
30 जून को जिला प्रशासन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक सार्वजनिक सूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि यह सड़क निर्माणाधीन है और बीच में पेड़ होने से आवागमन में अस्थायी व्यवधान उत्पन्न हुआ है. लोगों से अपील की गई है कि वे इस मार्ग से गुजरते समय सावधानी बरतें.
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