'मुझे मौत दे दीजिए हुजूर...', RJD के बाहूबली विधायक क्यों मांग रहे इच्छा मृत्यु? जानें पूरा मामला

    दानापुर से राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने पटना सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान एक चौंकाने वाली मांग की. उन्होंने जज से कहा कि उन्हें इच्छा मृत्यु दी जाए. इस वक्तव्य ने कोर्ट में मौजूद सभी लोगों को हैरान कर दिया.

    RJD MLA Ritlal Yadav sought euthanasia from the court
    Image Source: Social Media

    दानापुर से राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने पटना सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान एक चौंकाने वाली मांग की. उन्होंने जज से कहा कि उन्हें इच्छा मृत्यु दी जाए. इस वक्तव्य ने कोर्ट में मौजूद सभी लोगों को हैरान कर दिया. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों रीतलाल यादव ने यह कदम उठाया और उनके खिलाफ क्या आरोप हैं.

    इच्छा मृत्यु की मांग

    सुनवाई के दौरान रीतलाल यादव बेहद परेशान नजर आए और उन्होंने गिड़गिड़ाते हुए जज से कहा, "हुजूर, मुझे इच्छा मृत्यु दे दीजिए. मेरे ऊपर एक के बाद एक केस लादे जा रहे हैं और मुझे कोई मदद करने वाला नहीं है." उनकी यह मांग उस समय उठी जब उन्हें मामले की सुनवाई के दौरान मानसिक रूप से परेशान और असहाय महसूस हुआ. रीतलाल यादव की यह स्थिति उनके ऊपर लग रहे आरोपों और उनकी लंबी कानूनी लड़ाई के कारण उत्पन्न हुई है. राजद विधायक ने जज से यह भी अनुरोध किया कि उनका ट्रांसफर भागलपुर जेल से पटना की बेऊर जेल में किया जाए, क्योंकि उन्हें वहां कोई सहायता नहीं मिल रही थी.

    भागलपुर जेल से बेऊर जेल तक

    रीतलाल यादव को 17 अप्रैल, 2023 को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद बेऊर जेल भेज दिया गया था. बाद में उन्हें कुछ सुरक्षा कारणों से भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था. भागलपुर जेल में उन्हें T-सेल में रखा गया, जो काफी सख्त सुरक्षा वाली जगह है. यहां पहले बाहुबली नेता अनंत सिंह भी रहते थे. रेटलाल यादव ने जेल प्रशासन और पुलिस पर आरोप लगाया कि वह उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं और जेल में उनका जीवन मुश्किल बना दिया गया है.

    रंगदारी के आरोप

    रीतलाल यादव पर आरोप है कि उन्होंने एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. इसी मामले में 17 अप्रैल को वह दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर चुके थे. इसके बाद उन्हें बेऊर जेल भेजा गया था. लेकिन जब पुलिस को यह शक हुआ कि रीतलाल यादव जेल से अपने आपराधिक संपर्कों से किसी बड़े अपराध को अंजाम दिलवा सकते हैं, तो उन्हें भागलपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया.

    रिंकू कुमारी पर भी कार्रवाई की मांग

    वहीं, रीतलाल यादव के मामले से जुड़ी एक और चर्चा उनकी पत्नी रिंकू कुमारी से जुड़ी है. पुलिस मुख्यालय ने रिंकू कुमारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. दरअसल, रिंकू कुमारी सरकारी स्कूल में टीचर के तौर पर कार्यरत थीं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी "विजय कंस्ट्रक्शन" में बिजनेस पार्टनरशिप की है. यह सरकारी सेवा के नियमों का उल्लंघन है, जिसके कारण पुलिस ने उनकी कार्रवाई की सिफारिश की है.

    क्या है सरकारी सेवक आचार संहिता?

    अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) कुंदन कृष्णन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकारी सेवा में रहते हुए व्यवसाय करना सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 के नियम 16(1) के खिलाफ है. रिंकू कुमारी ने जब सरकारी स्कूल में काम करते हुए एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में साझेदारी की, तो यह स्पष्ट रूप से सरकारी नियमों का उल्लंघन था.

    क्या है रिंकू कुमारी का मामला?

    रिंकू कुमारी, जो कि पटना जिले के कोथवां मुसहरी के प्राथमिक विद्यालय में टीचर के तौर पर कार्यरत हैं, 2006 से इस स्कूल में नियुक्त थीं. उनके साथ यह सवाल उठता है कि क्या यह 'स्थायी पोस्टिंग' किसी सेटिंग का नतीजा है? क्या उनका यह व्यवसायिक रिश्ता उनकी सरकारी नौकरी को प्रभावित करता है?

    बाहुबली विधायक का भविष्य

    रीतलाल यादव का यह मामला बिहार की राजनीति और कानून व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े करता है. एक तरफ जहां वह अपनी स्थिति और मानसिक दबाव के कारण कोर्ट में इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप भी लगे हुए हैं.

    ये भी पढ़ें: बिहार सरकार ने दिया महिलाओं को तोहफा, बसों में आरक्षित होंगी इतनी सीटें