कभी बीमारू राज्यों की सूची में शुमार उत्तर प्रदेश अब नए भारत की आर्थिक गति का अहम हिस्सा बन चुका है. हालांकि राज्य के भीतर आज भी असमानता गहरी है, लेकिन एक ज़िला ऐसा है जो न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश की आर्थिक मानचित्र पर नई लकीर खींच रहा है. वो जिला गौतम बुद्ध नगर है.
गौतम बुद्ध नगर: यूपी की सिलिकॉन वैली
गौतम बुद्ध नगर, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर शामिल हैं, अब उत्तर प्रदेश का सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला औद्योगिक और आर्थिक केंद्र बन गया है. IT, मैन्युफैक्चरिंग, स्टार्टअप और रियल एस्टेट सेक्टर में इसकी गिनती देश के अग्रणी ज़िलों में होती है.
प्रति व्यक्ति आय में रचा इतिहास
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम बुद्ध नगर की प्रति व्यक्ति आय ₹10.17 लाख तक पहुंच गई है, जो उत्तर प्रदेश के औसत से दस गुना अधिक है. इतना ही नहीं, यह आय स्तर क्रय शक्ति समानता (PPP) के आधार पर जापान जैसे विकसित देशों से भी अधिक माना जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिले की कुल GDP ₹2.63 लाख करोड़ रही, जो लखनऊ की GDP से दोगुना और हिमाचल प्रदेश की पूरी अर्थव्यवस्था से भी अधिक है.
दो चेहरों वाला विकास
जहां एक ओर गौतम बुद्ध नगर विकास के शिखर पर है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के ज़िलों जैसे प्रतापगढ़, जौनपुर और बलिया में प्रति व्यक्ति आय बेहद कम है. इन जिलों की तुलना अफगानिस्तान और माली जैसे गरीब देशों से की जा रही है. राज्य के शीर्ष पांच जिले गौतम बुद्ध नगर, लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा और कानपुर मिलकर यूपी के GDP का 25% से अधिक योगदान करते हैं. वहीं, निचले पांच जिलों का हिस्सा 2.5% से भी कम है.
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