IPL Final: 18 साल से खिताब की तलाश, करोड़ों फैंस की उम्मीदें और विराट कोहली के साथ एक और फाइनल. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) एक बार फिर ट्रॉफी से बस एक कदम दूर है, लेकिन क्या यह आखिरी कदम भी भारी साबित होगा?
RCB ने चौथी बार IPL फाइनल में जगह बनाई है, लेकिन अब तक ट्रॉफी उनकी पहुंच से दूर ही रही है. फैंस का भरोसा पक्के इरादों से भरा है, लेकिन आंकड़ों और प्रदर्शन की असलियत कहीं ज्यादा जमीनी है. आइए जानते हैं RCB की वो 5 कमजोरियां, जो उनके चैंपियन बनने की राह में सबसे बड़ी रुकावट बन सकती हैं:
1. विराट कोहली पर अतिनिर्भरता
विराट कोहली का बल्ला गरज रहा है, लेकिन यही बात RCB के लिए जोखिम भी है. कोहली के आउट होते ही पूरी टीम का मिजाज ढीला पड़ जाता है. अगर पंजाब के गेंदबाजों ने उन्हें जल्दी आउट कर दिया, तो RCB की बल्लेबाज़ी आधी लड़ाई हार सकती है.
2. मिडिल ऑर्डर की ढहती दीवार
जहां कोहली और फिल सॉल्ट की सलामी जोड़ी ने पावरप्ले में रनों की बौछार की है, वहीं मिडिल ऑर्डर अक्सर बैकफुट पर नजर आया है. रजत पाटीदार और लिविंगस्टोन जैसे नाम बड़े हैं, लेकिन परफॉर्मेंस अस्थिर. दबाव में ये बल्लेबाज ताश की तरह बिखर जाते हैं.
3. स्पिन अटैक बना चिंता का सबब
पेस डिपार्टमेंट में दम है, लेकिन स्पिन सेक्शन में RCB लड़खड़ा रही है. सुयश शर्मा और क्रुणाल पांड्या जैसे स्पिनर्स अनुभव की कमी से जूझते दिखे हैं. पंजाब के बल्लेबाज स्पिन को बेहतर खेलते हैं — अगर पिच धीमी हुई, तो यही कमजोरी भारी पड़ सकती है.
4. फाइनल में हार का मनोवैज्ञानिक डर
2009, 2011 और 2016 — तीनों ही फाइनल में RCB को हार का मुंह देखना पड़ा. बड़े मंच पर हार का इतिहास एक मनोवैज्ञानिक बोझ बन चुका है. बार-बार ट्रॉफी के करीब आकर चूक जाना इस टीम को ‘चोकर्स’ टैग की ओर धकेलता है.
5. 18 साल का इंतज़ार, लाखों उम्मीदें और वो न दिखने वाला दबाव
RCB का फैनबेस जबरदस्त है, लेकिन यही प्यार अब दबाव बनता जा रहा है. हर साल ‘इस बार ट्रॉफी पक्की’ वाली उम्मीद अब झुंझलाहट में बदल रही है. वहीं पंजाब किंग्स की टीम युवा और अपेक्षारहित है — खेलने का यही बेफिक्र अंदाज़ उन्हें ज़्यादा खतरनाक बना सकता है.
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