टीम बस छोड़कर कार से स्टेडियम पहुंचे, अकेले प्रैक्टिस की, जडेजा ने तोड़ा BCCI का नियम, होगा एक्शन?

    भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में एक अलग ही तेवर दिखाया — मैदान पर भी और मैदान के बाहर भी.

    Ravindra Jadeja broke the rules of BCCI
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    बर्मिंघम: भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में एक अलग ही तेवर दिखाया — मैदान पर भी और मैदान के बाहर भी. तीसरे दिन के खेल से पहले उन्होंने टीम प्रोटोकॉल से हटकर स्टेडियम समय से पहले अकेले पहुंचकर बल्लेबाजी अभ्यास किया. यह कदम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उस दिशा-निर्देश के खिलाफ था, जिसमें खिलाड़ियों को टीम बस के साथ सामूहिक रूप से आने-जाने की सख्त हिदायत दी गई थी.

    टीम बस छोड़ी, खुद पहुंचे मैदान

    सूत्रों के अनुसार, जडेजा ने मैच के तीसरे दिन सुबह जल्दी स्टेडियम पहुंचने का फैसला किया. वह टीम बस का इंतज़ार किए बिना खुद कार से एजबेस्टन स्टेडियम पहुंचे और स्थानीय नेट गेंदबाजों के साथ लगभग 40 मिनट तक अभ्यास किया.

    BCCI ने यह नियम ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद बनाया था, ताकि खिलाड़ियों की सुरक्षा और अनुशासन सुनिश्चित किया जा सके. जडेजा का यह कदम नियमों से इतर जरूर था, लेकिन उनका उद्देश्य साफ था — अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करना और टीम को संकट से उबारने में बेहतर भूमिका निभाना.

    जडेजा की प्रतिबद्धता का नतीजा दिखा

    पहले दिन की समाप्ति पर जडेजा 41 रन पर नाबाद लौटे थे. लीड्स टेस्ट में उनके प्रदर्शन को लेकर सवाल उठे थे — दोनों पारियों में कुल 36 रन और केवल एक विकेट. ऐसे में एजबेस्टन में उनका निजी प्रदर्शन न केवल उनकी आलोचनाओं का जवाब था, बल्कि टीम के लिए भी निर्णायक साबित हुआ.

    अपने विशेष अभ्यास सत्र के बाद जडेजा ने अपनी पारी को 89 रन तक पहुंचाया, और शुभमन गिल के साथ 203 रन की अहम साझेदारी कर भारतीय पारी को स्थिरता दी. जब वह बल्लेबाजी करने आए, तब भारत का स्कोर 5 विकेट पर 211 रन था. उनकी साझेदारी के दम पर टीम 400 रन के पार पहुंची.

    एजबेस्टन में शानदार रिकॉर्ड कायम

    यह पहला मौका नहीं था जब जडेजा ने एजबेस्टन में भारतीय पारी को संभाला हो. 2022 में भी, इसी मैदान पर उन्होंने ऋषभ पंत के साथ 222 रन की साझेदारी की थी और शानदार शतक जड़ा था. यह मैदान उनके लिए विशेष रहा है, और उन्होंने एक बार फिर यह साबित किया कि जब दबाव होता है, तब वह अतिरिक्त प्रयास करने से पीछे नहीं हटते.

    नियम तोड़ना या टीम के लिए पहल?

    हालांकि, यह सवाल जरूर उठेगा कि क्या BCCI के दिशा-निर्देशों से हटकर किसी खिलाड़ी का अकेले स्टेडियम पहुंचना एक अनुशासनहीनता है या प्रोफेशनलिज़्म की मिसाल? जडेजा के इस कदम को टीम मैनेजमेंट कैसे देखेगा, यह देखने की बात होगी.

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