उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी का गजब कारनामा, 30 छात्राओं को एक ही सब्जेक्ट में मिले 0 नंबर

    विक्रम यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने बताया कि उन्होंने समय पर परीक्षा दी थी, फिर भी यूनिवर्सिटी ने उन्हें गैरहाजिर दर्शाया और बिना कोई कारण बताए सीधे शून्य अंक दे दिए. इस एक गलती की वजह से अब उन्हें पूरक (Supplementary) परीक्षा में बैठने को कहा जा रहा है.

    ratlam 30 student zero mark in same subject Ujjain Vikram University
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Ratlam News: मध्य प्रदेश के उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी ने रतलाम के गर्ल्स कॉलेज की 30 छात्राओं को इंडियन इकोनॉमिक्स के पेपर में अनुपस्थित (Absent) दिखाकर शून्य अंक दे दिए हैं. ये सभी छात्राएं बीकॉम फाइनल ईयर की हैं और उनका कहना है कि परीक्षा के दिन वे सभी कॉलेज में, एक ही कक्ष में बैठकर पेपर दे रही थीं. लेकिन जब रिजल्ट आया, तो नतीजा देखकर उनके होश उड़ गए.

    क्या है पूरा मामला?

    विक्रम यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने बताया कि उन्होंने समय पर परीक्षा दी थी, फिर भी यूनिवर्सिटी ने उन्हें गैरहाजिर दर्शाया और बिना कोई कारण बताए सीधे शून्य अंक दे दिए. इस एक गलती की वजह से अब उन्हें पूरक (Supplementary) परीक्षा में बैठने को कहा जा रहा है.

    कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंचीं छात्राएं

    अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए छात्राएं मंगलवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में पहुंचीं. उन्होंने अपनी आपबीती अपर कलेक्टर को बताई, जिसके बाद अधिकारियों ने कॉलेज प्रिंसिपल वायके मिश्र को तलब किया. प्रिंसिपल ने भरोसा दिलाया कि यूनिवर्सिटी के संबंधित अधिकारियों से बात कर मामले को सुलझाया जाएगा.

    सवालों के घेरे में यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली

    इस मामले ने विक्रम यूनिवर्सिटी की परीक्षा प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है. छात्राएं एक ही कक्षा में मौजूद थीं, फिर भी उन्हें अनुपस्थित दर्शाना एक बहुत बड़ी प्रशासनिक चूक है. अब सवाल उठता है — अगर किसी छात्रा ने इस सदमे में गलत कदम उठा लिया होता, तो उसकी जवाबदेही कौन लेता?

    समाधान की उम्मीद

    अब छात्राओं को सिर्फ एक निष्पक्ष जांच और जल्द से जल्द सही परिणाम की उम्मीद है. साथ ही यह मामला अन्य यूनिवर्सिटी और कॉलेज प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है परीक्षा के आंकड़ों और परिणामों के साथ की गई लापरवाही सीधा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ होती है. शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा कराना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और भरोसे के साथ छात्रों का मार्गदर्शन करना है — और यह जिम्मेदारी अब सिस्टम को निभानी ही होगी.

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