पहले मुनाफा दिलाकर जीता भरोसा, फिर ठग लिए लाखों रुपये; पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

Rajasthan News: उत्तर जिला साइबर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए शेयर बाजार में मोटे मुनाफे का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यह गिरोह फर्जी बैंक खाते उपलब्ध करवा कर साइबर ठगों की मदद करता था.

पहले मुनाफा दिलाकर जीता भरोसा, फिर ठग लिए लाखों रुपये; पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार
Image Source: Freepik

Rajasthan News: उत्तर जिला साइबर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए शेयर बाजार में मोटे मुनाफे का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यह गिरोह फर्जी बैंक खाते उपलब्ध करवा कर साइबर ठगों की मदद करता था. पुलिस ने राजस्थान के कोटा और जयपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामला एक महिला शिक्षिका की शिकायत से सामने आया, जिन्हें एक इंस्टाग्राम विज्ञापन के जरिए झांसा देकर 12,50,000 रुपये की ठगी की गई थी. विज्ञापन में शेयर बाजार में निवेश पर 100-150% तक मुनाफे का दावा किया गया था.

व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जाल में फंसी महिला

45 वर्षीय शिक्षिका श्रीमती एस. सप्रा ने बताया कि वह एक इंस्टाग्राम विज्ञापन के माध्यम से एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ीं, जिसमें लोगों द्वारा मोटे मुनाफे की बात की जा रही थी. कुछ दिनों बाद, खुद को 'अनन्या गुप्ता' बताने वाली महिला ने उनसे संपर्क किया और कई स्कीमों में निवेश का सुझाव दिया. शुरुआती निवेश पर मुनाफा दिखाकर उनका भरोसा जीता गया और फिर ₹10 लाख तक की राशि निवेश करने का दबाव बनाया गया. महिला ने कुल 12.5 लाख रुपये का निवेश कर दिया, लेकिन जब उन्होंने रकम वापस मांगनी शुरू की, तो उन्हें टालमटोल किया गया और फिर संपर्क तोड़ दिया गया.

फर्जी खातों के जरिए करोड़ों का खेल

जांच के दौरान सामने आया कि इस ठगी में 'एबी फार्मा' नामक फर्म का एक्सिस बैंक में चालू खाता प्रयोग किया गया, जिसमें करीब 6.76 करोड़ की राशि अलग-अलग स्रोतों से जमा हुई थी. इस खाते को फ्रीज़ कर 50,000 रुपए की शेष राशि बरामद कर ली गई है.

राजस्थान में गिरफ्तार हुए आरोपी

तकनीकी जांच, कॉल डिटेल्स और डिलीवरी डाटा के आधार पर पुलिस टीम को कोटा के बोरखेड़ा इलाके में आरोपी अबरार अहमद की लोकेशन मिली. 23 मार्च को उसे गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने बताया कि उसने कई फर्मों के फर्जी खाते खोलकर साइबर अपराधियों को 2% कमीशन पर बेचे थे.

उसकी निशानदेही पर 30 मार्च को जयपुर के जगतपुरा क्षेत्र से आरोपी राहुल मिश्रा को भी गिरफ्तार किया गया. राहुल ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने ये बैंक खाते फिलीपींस और चीन में बैठे अपने साथियों को उपलब्ध कराए थे और 3% कमीशन वसूला था.

आपराधिक कनेक्शन विदेशों तक फैले

पुलिस को राहुल के मोबाइल में फिलीपींस नंबर से जुड़ी व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट्स मिली हैं, जिसमें बैंक खातों के लेन-देन की स्पष्ट बातचीत है. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि राहुल अब तक 50-60 फर्जी चालू खाते साइबर अपराधियों को बेच चुका है.आरोपियों के पास से 4 लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन, 20 डेबिट कार्ड, 6 चेकबुक, 3 स्टैम्प, एक सिम कार्ड और एक रजिस्टर जब्त किया गया है. इनसे और भी साइबर अपराधों की जानकारी सामने आने की उम्मीद है.

जांच जारी, फरार आरोपी नेपाल और विदेश में

पुलिस के अनुसार इस रैकेट के कई और सदस्य नेपाल और फिलीपींस में छिपे हुए हैं. उनकी तलाश के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी लिया जाएगा. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस गिरोह को दबोचने के लिए महीनों तक लगातार तकनीकी निगरानी और फील्ड कार्रवाई की.