UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने जल संकट से निपटने और भूजल स्तर सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश में वर्षा जल संचयन को प्राथमिकता देते हुए ‘कैच द रेन 2025’ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत प्रदेश के लगभग 34,000 सरकारी और अर्ध सरकारी भवनों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग (RTRWH) सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं. यह पहल न केवल जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है, बल्कि सूखे और जल संकट से जूझ रहे इलाकों में जल स्तर को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो रही है.
2 लाख 35 हजार भवनों में रेन वाटर सिस्टम
जलशक्ति विभाग ने इस अभियान को और व्यापक रूप देने का लक्ष्य रखा है. आगामी समय में प्रदेश के एक लाख से अधिक सरकारी भवनों को भी इस प्रणाली से लैस किया जाएगा. कुल मिलाकर योगी सरकार का मकसद है कि प्रदेश के 2 लाख 35 हजार भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाई जाए. इस कदम से प्रदेश में जल संरक्षण की नई दिशा मिल रही है, जो आने वाले वर्षों में जल संकट को काफी हद तक कम कर सकेगी.
16 जिलों ने हासिल किया 100% लक्ष्य
सरकारी आंकड़ों की मानें तो अब तक अयोध्या, अम्बेडकरनगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया, झांसी और पीलीभीत जैसे 16 जिलों ने वर्षा जल संचयन का अपना लक्ष्य पूरी तरह हासिल कर लिया है. ये जिले प्रदेश के जल संरक्षण अभियान में मिसाल बने हैं और अन्य जिलों के लिए प्रेरणा स्रोत भी.
भविष्य के लिए टिकाऊ जल संरक्षण
सरकार का मानना है कि वर्षा जल संचयन जैसे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर जल संकट की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है. यह पहल केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्वच्छ जल संसाधन सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा निवेश है. प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्भरण के इस प्रयास से प्रदेश का पर्यावरण भी बेहतर होगा.
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