बिहार में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों — भाजपा, जदयू, राजद और कांग्रेस — ने कमर कस ली है. वहीं मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित राजद और कांग्रेस नेताओं की रणनीतिक बैठक के बाद एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. इस बैठक पर कांग्रेस से निष्कासित हो चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने करारा हमला बोला है.
"राहुल-तेजस्वी बिहार को बना रहे बंगाल" — प्रमोद कृष्णम का आरोप
बैठक के बाद अपने एक बयान में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा किया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की अगुवाई में विपक्ष बिहार को बंगाल की राह पर ले जाना चाहता है. उन्होंने कहा, “अब फैसला बिहार के हिंदुओं को करना है कि वे अपने राज्य को क्या दिशा देना चाहते हैं." प्रमोद ने अपने बयान में पश्चिम बंगाल में हाल की सांप्रदायिक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि देश में हिंदू समाज गंभीर संकट में है और प्रधानमंत्री मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को इस दिशा में गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है.
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव की संभावना
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चुनाव इस साल अक्टूबर या नवंबर में संभावित हैं. ऐसे में सभी दल गठजोड़, रणनीति और सीट शेयरिंग को लेकर जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हुए हैं.
खरगे के घर RJD-कांग्रेस की अहम बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है, जिसमें विपक्षी महागठबंधन की रणनीति पर चर्चा हुई. इस मीटिंग में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जबकि राजद की ओर से तेजस्वी यादव के प्रतिनिधि स्वरूप मनोज झा और संजय यादव जैसे नेताओं ने भाग लिया.
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