तेहरान/दोहा/वॉशिंगटन: पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक संकट और भी गंभीर हो गया है. ईरान ने अमेरिका द्वारा उसकी परमाणु सुविधाओं पर किए गए हमलों के जवाब में कतर, बहरीन और इराक स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया है. हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने इन हमलों से पहले चेतावनी देकर संभावित जान-माल के नुकसान को कम करने की कोशिश की.
ईरान का हमला: सीमित सैन्य कार्रवाई
ईरान के सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला "संतुलित जवाबी कार्रवाई" था, जिसमें उतने ही बमों का प्रयोग किया गया जितने अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइट्स पर किए थे.
ईरान ने यह भी स्पष्ट किया कि:
हमले में ऐसे ठिकानों को निशाना बनाया गया जो शहरी या नागरिक इलाकों से दूर हैं.
इस कार्रवाई का उद्देश्य अमेरिकी सैन्य दखल का जवाब देना था, न कि पड़ोसी देशों को नुकसान पहुंचाना.
कतर की प्रतिक्रिया: कड़ा विरोध
हालांकि ईरान ने अपने बयान में कतर को ‘मित्रवत और भाईचारा रखने वाला देश’ कहा, लेकिन कतर ने ईरानी हमले को सीधा हमला और संप्रभुता का उल्लंघन बताया.
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने कहा, "यह हमला न केवल कतर के हवाई क्षेत्र पर आक्रमण है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी उल्लंघन है. हम इसे पूरी तरह खारिज करते हैं और जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं."
कतर की वायु सेना ने कई मिसाइलों को रास्ते में ही मार गिराया और अल-उदीद एयरबेस की सुरक्षा सुनिश्चित की.
मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव
भारत और अन्य देशों ने अपने नागरिकों के लिए सावधानी निर्देश (advisories) जारी किए हैं.
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