भारत कब आएंगे पुतिन? हो गया कंफर्म...अमेरिका से तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति का दौरा, जलेंगे ट्रंप!

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर महीने में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं. यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनातनी बढ़ी हुई है, खासकर रूस से तेल खरीद को लेकर.

    Putin Visit India on december kremlin confirms
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    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर महीने में भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं. यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनातनी बढ़ी हुई है, खासकर रूस से तेल खरीद को लेकर. अमेरिका ने हाल ही में भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और गहराया है.


    रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के वरिष्ठ अधिकारी यूरी उशाकोव ने जानकारी दी है कि पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात आगामी सोमवार को चीन में एक क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान होगी. इस बैठक में दोनों नेता पुतिन की दिसंबर में होने वाली भारत यात्रा की तैयारियों पर चर्चा करेंगे.हालांकि, यात्रा की सटीक तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन दोनों देशों के बीच प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. जल्द ही आधिकारिक तारीख भी सामने आने की उम्मीद है.

    पिछली बार कब भारत आए थे पुतिन?

    व्लादिमीर पुतिन ने आखिरी बार 6 दिसंबर 2021 को भारत का दौरा किया था. तब नई दिल्ली में 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्ष 2024 में दो बार रूस की यात्रा की थी — पहली बार जुलाई में 22वें भारत-रूस सम्मेलन में और दूसरी बार अक्टूबर में कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर बैठक में. पीएम मोदी ने तब पुतिन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया था, लेकिन वह स्वयं रूस के विक्ट्री डे समारोह में निजी कारणों से शिरकत नहीं कर सके थे.

    बढ़ते रिश्ते: कूटनीतिक सक्रियता में तेजी

    हालिया महीनों में भारत और रूस के बीच संबंधों में फिर से गर्मजोशी देखी जा रही है. अमेरिकी टैरिफ नीतियों के बीच, भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस का दौरा किया. इन उच्च स्तरीय दौरों में न केवल रूसी समकक्षों से मुलाकात हुई, बल्कि राष्ट्रपति पुतिन से भी दोनों नेताओं ने सीधी बातचीत की. इन बैठकों का उद्देश्य व्यापार, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करना था, जिससे साफ है कि दोनों देश मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच एक मजबूत साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं.

    भारत के लिए पुतिन की यात्रा क्यों अहम है?

    वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में जहां अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं, वहीं भारत ने रूस के साथ अपने संबंधों को संतुलित और स्वतंत्र नीति के तहत आगे बढ़ाया है. रूस से तेल खरीद, रक्षा सहयोग, ऊर्जा परियोजनाएं और ब्रिक्स जैसे मंचों पर रणनीतिक साझेदारी ने भारत-रूस संबंधों को नई मजबूती दी है. पुतिन की आगामी भारत यात्रा न केवल इन संबंधों की पुष्टि करेगी, बल्कि नई परियोजनाओं और समझौतों के जरिए द्विपक्षीय सहयोग के दायरे को और व्यापक बनाएगी.

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