जब दुनिया के बड़े मंचों पर भारत अपने प्रभाव और साख को लगातार मजबूत कर रहा है. चाहे वह जापान के साथ हाईटेक सहयोग हो, चीन में SCO शिखर सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी या रूस के साथ सामरिक रिश्तों की गहराई वहीं पाकिस्तान की जुबान अब अचानक नरम पड़ने लगी है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक नया रुख अपनाते हुए कहा है कि उनका देश भारत के साथ एक गरिमामय और सम्मानजनक संवाद के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सभी लंबित मुद्दों, जिनमें कश्मीर भी शामिल है, पर चर्चा हो सकती है. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान “भीख मांगकर बातचीत नहीं करेगा.”
डायलॉग की बात क्यों कर रहा है पाकिस्तान?
इस बदले हुए सुर की वजह भी साफ नज़र आ रही है. हाल के हफ्तों में भारत की सैन्य कार्रवाई और कूटनीतिक ताकत ने पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बनाया है. खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जिसमें भारत ने पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घिरते देखा गया.
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बदली हवा
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में जब 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, तब भारत ने 7 मई को जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर सटीक हमले किए. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8 से 10 मई तक भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कई पाकिस्तानी ठिकानों को तबाह कर दिया. चार दिन तक चले इस संघर्ष के बाद, 10 मई को दोनों पक्षों में अस्थायी शांति बनी. हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम ने पाकिस्तान को न सिर्फ सामरिक रूप से, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी कमजोर किया.
बातचीत की पेशकश, लेकिन चेतावनी भी साथ में
इशाक डार ने दावा किया कि इस संघर्ष में पाकिस्तान की सैन्य क्षमता ने ज़मीन, आकाश और अब समुद्र में भी अपनी ताकत दिखा दी है. उन्होंने चेताया कि यदि भविष्य में भारत किसी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान भी हर मोर्चे पर जवाब देने को तैयार है.
विशेषज्ञों की राय कूटनीतिक दबाव में पाकिस्तान
राजनयिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत की वैश्विक स्तर पर मजबूत होती स्थिति जापान के साथ तकनीकी साझेदारी, रूस से सामरिक सहयोग और चीन में SCO समिट जैसी उपस्थिति पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बन गई है. साथ ही, अमेरिका की टैरिफ नीति के बावजूद भारत की विश्वसनीयता बनी हुई है, जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग महसूस हो रहा है.
भारत का रुख स्पष्ट आतंकवाद और POK पर ही होगी बात
हालांकि, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान से कोई भी बातचीत तभी संभव है जब वह आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करे और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत को लौटाए. इसके बिना भारत किसी "नए अध्याय" की शुरुआत के लिए तैयार नहीं है.
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