ट्रंप की धमकियों के बीच रूस बदला रुख, जेलेंस्की से मिलने के लिए तैयार हुए पुतिन, क्या अब रुकेगी जंग?

    यूक्रेन में दो साल से अधिक समय से जारी विनाशकारी युद्ध अब शायद एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है.

    Putin agreed to meet Zelensky will the war stop now
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    मॉस्को/कीव/वॉशिंगटन: यूक्रेन में दो साल से अधिक समय से जारी विनाशकारी युद्ध अब शायद एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है. पहली बार रूस की ओर से ऐसे संकेत मिले हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ सीधी बातचीत को लेकर सकारात्मक रुख अपना सकते हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को बयान दिया कि अगर वार्ता की पूर्व तैयारी विशेषज्ञ स्तर पर पूरी हो जाती है, तो पुतिन बैठक के लिए तैयार हैं.

    यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस को एक नई डेडलाइन के साथ युद्धविराम के लिए सख्त चेतावनी दी है. ट्रंप के अनुसार, अगर 8 अगस्त तक कोई समाधान नहीं निकलता है, तो अमेरिका रूस पर नई आर्थिक पाबंदियों और टैरिफ का भारी पैकेज लगाने के लिए तैयार है.

    जेलेंस्की की रणनीति: सीधी वार्ता और नेतृत्व

    यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की लंबे समय से मांग करते आए हैं कि युद्ध के समाधान के लिए सीधे पुतिन से आमने-सामने बात होनी चाहिए. उनका मानना है कि आमने-सामने बैठकर चर्चा होने से बातचीत को केवल सैन्य समझौतों से आगे ले जाया जा सकता है और उन्हें एक वैध राजनीतिक नेता के रूप में वैश्विक स्तर पर और मान्यता भी मिलेगी.

    जेलेंस्की चाहते हैं कि बातचीत किसी मध्यस्थ देश जैसे तुर्की या किसी यूरोपीय राष्ट्र की निगरानी में हो और अमेरिका जैसे बड़े पक्ष की मौजूदगी भी सुनिश्चित की जाए. वह बार-बार यह भी दोहरा चुके हैं कि रूस के हमले को "पूरी तरह अनुचित और आक्रामक" मानते हुए यूक्रेन की पूर्ण संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ कोई भी समझौता होना चाहिए.

    रूस का बदला रुख: पुतिन शांति वार्ता के पक्ष में?

    पिछले कुछ महीनों तक रूस की रणनीति स्पष्ट रूप से आक्रामक और शर्तों पर आधारित रही है. हालांकि, पुतिन ने पिछले सप्ताह एक भाषण में इशारा किया कि रूस "शांति वार्ता की संभावनाओं को नकार नहीं रहा." उन्होंने यह भी दोहराया कि युद्ध की शुरुआत में जो मांगें उन्होंने सामने रखी थीं, जैसे कि यूक्रेन का नाटो से दूरी बनाना और डोनबास क्षेत्र की स्थिति पर पुनर्विचार वो अब भी वार्ता की पूर्व-शर्तें बनी हुई हैं.

    लेकिन अब, सोमवार को क्रेमलिन द्वारा दिए गए बयान में पहली बार स्पष्ट नरमी नजर आई. प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने यह स्पष्ट किया कि यदि तकनीकी स्तर पर बातचीत की तैयारी हो जाती है, तो पुतिन जेलेंस्की से सीधी बातचीत करने को तैयार हैं. विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान ट्रंप के दबाव और वैश्विक कूटनीतिक परिदृश्य को देखते हुए आया है.

    ट्रंप की घेराबंदी: अमेरिका ने तय की नई समय-सीमा

    डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध को अपनी विदेश नीति की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक मानते हैं. उनका मानना है कि अगर वह पहले राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता. पिछले हफ्ते उन्होंने मॉस्को को सीधे चेतावनी दी कि अगर रूस युद्धविराम की दिशा में गंभीर कदम नहीं उठाता, तो 10 से 12 दिनों में अमेरिका रूस पर एक और टैरिफ पैकेज लागू करेगा, जो रूस की वैश्विक व्यापार प्रणाली को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है.

    ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वह 8 अगस्त 2025 तक किसी न किसी रूप में युद्ध को खत्म होता देखना चाहते हैं. ट्रंप की इस समय-सीमा को गंभीरता से इसलिए भी लिया जा रहा है क्योंकि अमेरिका में राजनीतिक नेतृत्व की स्थिति भी दांव पर है.

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