'गलती हुई मैंने कई गलत फैसले लिए हैं...', आखिर पृथ्वी शॉ ने ऐसा क्यों कहा?

    कभी भारतीय क्रिकेट की नई उम्मीद माने जाने वाले पृथ्वी शॉ आज अपने करियर की सबसे गहरी खाई में फंसे नजर आते हैं. एक समय था जब उनके बल्ले की चमक ने हर किसी को उनका दीवाना बना दिया था, लेकिन आज वही खिलाड़ी रणजी टीम से बाहर हैं और आईपीएल 2025 की नीलामी में भी अनसोल्ड रह गए.

    Prithvi Shaw Biggest turth reveal about his carrer
    Image Source: Social Media

    कभी भारतीय क्रिकेट की नई उम्मीद माने जाने वाले पृथ्वी शॉ आज अपने करियर की सबसे गहरी खाई में फंसे नजर आते हैं. एक समय था जब उनके बल्ले की चमक ने हर किसी को उनका दीवाना बना दिया था, लेकिन आज वही खिलाड़ी रणजी टीम से बाहर हैं और आईपीएल 2025 की नीलामी में भी अनसोल्ड रह गए.

    शुरुआत शानदार, लेकिन सफर नहीं रहा आसान

    2018 में भारत के लिए डेब्यू करते ही शॉ ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक जड़ा था. क्रिकेट के जानकारों ने उनकी तकनीक और आत्मविश्वास को देखकर उन्हें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और ब्रायन लारा जैसे दिग्गजों की श्रेणी में रखा. टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री तक ने उनकी तुलना इन महान खिलाड़ियों से की थी. लेकिन सफलता की यह कहानी ज़्यादा लंबी नहीं चली. 2021 के बाद खराब फॉर्म, फिटनेस और विवादों के चलते वे टीम से बाहर हो गए और गिरावट का दौर शुरू हो गया.

    खुद की गलतियों का किया खुलासा

    हाल ही में एक इंटरव्यू में 25 वर्षीय शॉ ने अपनी नाकामियों पर खुलकर बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि उनके कुछ फैसले गलत थे, जिसने उनके करियर को बुरी तरह प्रभावित किया. शॉ बोले मैंने कई बार गलत फैसले लिए. क्रिकेट से ध्यान भटक गया था. पहले मैं रोज़ 8 घंटे अभ्यास करता था, लेकिन यह धीरे-धीरे घटकर 4 घंटे रह गया. इसी वजह से खेल पर असर पड़ा. 

    अकेलापन और टूटते रिश्ते

    शॉ ने यह भी बताया कि जब वे करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे, तब ज्यादातर लोग उनसे किनारा कर गए. उन्होंने कहा जब आप ऊपर होते हैं, तो हर कोई आपके पास आता है. लेकिन जब आप नीचे गिरते हैं, तब कोई नहीं पूछता कि आप कैसे हैं. मेरे बुरे वक्त में टीम इंडिया के किसी भी बड़े खिलाड़ी ने मुझसे संपर्क नहीं किया, सिर्फ ऋषभ पंत ने मेरा हाल पूछा.

    गलत संगत और भटकाव

    शॉ ने यह भी कबूल किया कि करियर की शुरुआत में उन्होंने कुछ ऐसे लोगों को दोस्त बना लिया था जो उन्हें सही राह से भटकाते रहे. उन्होंने बताया कि कैसे वे गलत संगत का शिकार हुए और अपने लक्ष्य से दूर होते चले गए. सचिन तेंदुलकर ने दी राह दिखाने की कोशिश हालांकि इन कठिन परिस्थितियों में उन्हें अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर से कुछ मार्गदर्शन मिला. शॉ ने बताया सचिन सर ने मुझसे बात की. उन्होंने मुझे और अर्जुन (तेंदुलकर) को साथ खेलते देखा है. मैं उनके घर भी गया हूं. उन्होंने मुझे समझाया और मोटिवेट किया. 

    गलती थी जिसके सुधारने की जरूरत है 

    पृथ्वी शॉ का यह आत्ममंथन उनके लिए एक नई शुरुआत की तरफ पहला कदम हो सकता है. उन्होंने स्वीकार किया कि गलती उनकी थी, और अब सुधार की जरूरत भी उन्हीं को है. अगर वे फिर से क्रिकेट को उसी जुनून और अनुशासन से अपनाते हैं, तो शायद वापसी का रास्ता अब भी खुला है.

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