भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार सुबह हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया. यह क्षण न केवल भारतीय वायुसेना के गौरव का प्रतीक बना, बल्कि देश की आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति और महिला सशक्तिकरण का भी अद्भुत उदाहरण पेश किया.
इस खास मौके पर एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह समेत कई वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी मौजूद थे. राष्ट्रपति की यह उड़ान भारतीय नेतृत्व के उस आत्मविश्वास को दर्शाती है, जो नई भारत की रक्षा क्षमताओं पर टिकी है.
राफेल उड़ान के साथ नया कीर्तिमान
राष्ट्रपति मुर्मू का यह मिशन कुछ मिनटों का था, लेकिन इसका महत्व बेहद बड़ा रहा. उन्होंने कॉकपिट में बैठकर उस अत्याधुनिक तकनीक और सैन्य शक्ति का अनुभव किया, जो आज भारतीय वायुसेना को एशिया की सबसे मजबूत वायु सेनाओं में शामिल करती है. अंबाला से उड़ान भरने वाला राफेल भारतीय वायुसेना की 17 स्क्वाड्रन “गोल्डन एरोज़” का हिस्सा है. फ्रांस से आए इन राफेल जेट्स को सितंबर 2020 में औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था, जिससे देश की हवाई सुरक्षा को नई धार मिली थी.
#WATCH | Haryana: President Droupadi Murmu to shortly take a sortie in the Rafale aircraft at the Ambala Air Force Station pic.twitter.com/Ekqv0B5urH
— ANI (@ANI) October 29, 2025
पहले भी उड़ान भर चुकी हैं राष्ट्रपति मुर्मू
यह पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति मुर्मू ने किसी फाइटर जेट में उड़ान भरी हो. इससे पहले, 8 अप्रैल 2023 को उन्होंने असम के तेजपुर एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी. उस समय वे फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली भारत की तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष बनी थीं.उनसे पहले डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने भी सुखोई में उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना की क्षमता का अनुभव किया था.
राफेल भारत की हवाई शक्ति का स्तंभ
फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल को आधुनिक युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. यह 4.5 जनरेशन का मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों तरह के मिशन को अंजाम देने में सक्षम है.राफेल की सबसे खास बात इसकी “ओमनीरोल” क्षमता है, यानी यह एक ही मिशन में कई प्रकार के ऑपरेशन जैसे इंटरसेप्शन, ग्राउंड अटैक और रीकॉन्नेसेंस को अंजाम दे सकता है.
ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई थी ताकत
हाल ही में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल जेट्स ने अपनी शक्ति का परिचय दिया था. इस मिशन में पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में स्थित कई आतंकी ठिकानों को सटीक निशाने पर लेकर तबाह कर दिया गया था. यह ऑपरेशन भारतीय वायुसेना की तकनीकी श्रेष्ठता और रणनीतिक तैयारी का जीता-जागता सबूत माना गया.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम
राष्ट्रपति मुर्मू की राफेल उड़ान केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं थी, बल्कि यह संदेश भी था कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहता. प्रधानमंत्री मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक प्रेरणादायक क्षण रहा.
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