Gaza israel military full occupation: गाजा पट्टी में लगातार बिगड़ते हालात और इजरायली बंधकों के अमानवीय वीडियो सामने आने के बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक कड़ा और निर्णायक कदम उठाते हुए सेना को गाजा पर पूर्ण नियंत्रण का आदेश दे दिया है. यह फैसला उस वक्त आया है जब आतंकी संगठन हमास और इस्लामिक जिहाद ने बंधकों की हालत दिखाते हुए परेशान कर देने वाले वीडियो सार्वजनिक किए हैं.
इन वीडियो ने न केवल इजरायली नागरिकों को झकझोर दिया, बल्कि नेतन्याहू की सरकार पर भी बड़े स्तर पर दबाव बढ़ा दिया है.
क्या है वीडियो में, जिसने नेतन्याहू को फैसले पर मजबूर किया?
जारी किए गए वीडियो में दो इजरायली बंधकों, रोम ब्रासलावस्की और एव्यातार डेविड की स्थिति बेहद दर्दनाक दिखाई गई है. डेविड को अपनी ही कब्र खोदते हुए दिखाया गया है. ब्रासलावस्की ने बताया कि भूख और प्यास के चलते वह चलने तक में असमर्थ है. इन भयावह दृश्यों के बाद नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया कि हमास किसी भी सुलह की मंशा नहीं रखता और वे केवल मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर इजरायल को कमजोर करना चाहते हैं. इसी के जवाब में उन्होंने सेना को गाजा के बचे हुए हिस्सों पर भी कब्जा करने का आदेश दिया है.
“या आदेश मानो, या इस्तीफा दो”
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय ने IDF चीफ ऑफ स्टाफ को दो टूक कहा कि वे इस नए अभियान को तत्काल शुरू करें या पद छोड़ दें.
अब तक इजरायल की सेना गाजा के लगभग 75% हिस्से पर नियंत्रण पा चुकी है, लेकिन अब बाकी हिस्सों, खासकर बंधकों के संभावित ठिकानों पर कब्जे की योजना बनाई गई है.
सेना के भीतर असहमति के सुर
हालांकि नेतन्याहू के इस आक्रामक फैसले को लेकर इजरायली सेना में मतभेद भी सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सेना प्रमुख इयाल जमीर राजनीतिक नेतृत्व की रणनीति से संतुष्ट नहीं हैं और उन्हें आशंका है कि यह युद्ध इजरायल को लंबे समय तक एक अनिश्चित संघर्ष में उलझा सकता है.
“बंधकों को वापस लाओ”
बंधकों के वीडियो सामने आने के बाद इजरायल में जनता का गुस्सा फूट पड़ा है. शनिवार रात हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार से तुरंत युद्धविराम और बंधकों की सुरक्षित वापसी की मांग की. यह प्रदर्शन हाल के महीनों में हुए विरोध प्रदर्शनों में से सबसे बड़ा बताया जा रहा है.
रेड क्रॉस से मदद की गुहार, हमास अब भी अड़ा
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने रेड क्रॉस के अधिकारियों से मुलाकात कर आग्रह किया कि वे बंधकों तक खाद्य सामग्री और दवाइयां पहुंचाने का रास्ता निकालें. लेकिन हमास ने किसी भी सहायता संगठन को बंधकों के पास जाने से रोक दिया है.
गाजा पट्टी में मानवीय त्रासदी
गाजा की स्थिति दिन-ब-दिन अत्यंत भयावह होती जा रही है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, मई से अब तक 1400 से ज्यादा फिलीस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश वे लोग हैं जो किसी तरह खाने की तलाश में बाहर निकले थे. इजरायली सेना का दावा है कि नागरिकों पर हमला जानबूझकर नहीं किया गया, लेकिन स्थानीय ज़मीनी हालात इसकी पुष्टि नहीं करते. करीब 20 लाख लोग आज भूख, प्यास, दवाओं की कमी और लगातार हो रही बमबारी से जूझ रहे हैं.
मार्च से मई के बीच इजरायल ने गाजा की पूरी तरह नाकेबंदी कर दी थी. अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते कुछ राहत पहुंचाई गई, लेकिन ज़रूरत के मुकाबले यह नाममात्र है.
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