नई दिल्ली: भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले पार्सल्स पर डाक विभाग ने अस्थायी रूप से रोक लगाने का फैसला लिया है. इस फैसले से केवल पार्सल सेवाएं प्रभावित होंगी, जबकि डॉक्यूमेंट्स (पत्र, कागज़ात) और कुछ सीमित गिफ्ट आइटम अब भी भेजे जा सकेंगे.
यह कदम अमेरिकी सरकार की ओर से हाल ही में लागू किए गए एक कार्यकारी आदेश (Executive Order No. 14324) के चलते उठाया गया है. इस आदेश के तहत अमेरिका में व्यक्तिगत उपयोग के लिए विदेशों से आने वाले माल पर मिलने वाली $800 तक की ड्यूटी-फ्री छूट 29 अगस्त 2025 से समाप्त हो जाएगी.
क्या है नया नियम?
अब अमेरिका भेजे जाने वाले हर प्रकार के सामान चाहे वह व्यक्तिगत हो या उपहार पर कस्टम ड्यूटी (सीमा शुल्क) लगेगी. पहले जहां $800 तक के सामान पर टैक्स नहीं देना पड़ता था, अब वह छूट खत्म कर दी गई है. हालांकि, $100 तक के गिफ्ट और पत्र/डॉक्यूमेंट अब भी बिना अतिरिक्त शुल्क के भेजे जा सकते हैं.
एयरलाइंस ने भी बढ़ाई चिंता
ड्यूटी वसूली की प्रक्रिया और इससे जुड़े तकनीकी पहलुओं पर अब तक अमेरिका की सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा एजेंसी (CBP) की ओर से पूरी स्पष्टता नहीं दी गई है. इसी अस्पष्टता के चलते एयरलाइनों ने 25 अगस्त 2025 से अमेरिका के लिए पार्सल और बड़े पैमाने पर भेजे जाने वाले सामान को ढोने से इनकार कर दिया है.
उपभोक्ताओं के लिए राहत
जो ग्राहक पहले ही अमेरिका के लिए पार्सल बुक कर चुके हैं, उन्हें डाक विभाग द्वारा शुल्क वापसी (postage refund) का विकल्प दिया जाएगा. यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत की बात है जो इस नए नियम के लागू होने से पहले अपनी शिपमेंट बुक कर चुके थे.
डाक विभाग की स्थिति
डाक विभाग ने कहा है कि वह इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और अमेरिकी एजेंसियों के साथ लगातार संवाद कर रहा है. जैसे ही स्थिति साफ होगी और लॉजिस्टिक्स कंपनियां पार्सल सेवा फिर से शुरू करने को तैयार होंगी, सेवाओं को दोबारा बहाल किया जाएगा.
Temporary Suspension of Postal Services to the United States of America
— PIB_INDIA Ministry of Communications (@pib_comm) August 23, 2025
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आम जनता पर असर
यह निर्णय उन लोगों को विशेष रूप से प्रभावित करेगा जो अपने रिश्तेदारों या दोस्तों को अमेरिका में गिफ्ट, कपड़े, घरेलू सामान, या अन्य व्यक्तिगत वस्तुएं भेजते हैं. स्टूडेंट्स और व्यापारिक उद्देश्यों से जुड़े छोटे व्यवसायियों पर भी इसका असर पड़ेगा.
क्यों लिया गया यह निर्णय?
अमेरिका की सरकार ने अपने आंतरिक बाजार को सस्ते विदेशी उत्पादों से बचाने और टैक्स चोरी पर रोक लगाने के मकसद से यह नियम लागू किया है. साथ ही, इससे अमेरिका के स्थानीय व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा में राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है.
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