PM Modi Gujarat Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शामिल हुए. इस खास अवसर पर उन्होंने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर 9,700 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी, जिनसे देशभर में जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर में सुधार होगा.
प्रधानमंत्री का प्रमुख उद्घाटन और शिलान्यास
प्रधानमंत्री ने इस समारोह में विभिन्न बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य जनजातीय समुदायों के लिए बेहतर जीवन यापन और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना था. प्रधानमंत्री ने जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-Janman) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JAGUA) के तहत निर्मित 1 लाख घरों के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया.
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 1,900 करोड़ रुपये की लागत से 42 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (EMRS) की शुरुआत की, जो आदिवासी छात्रों के लिए समर्पित होंगे. इसके अलावा, 228 बहुउद्देश्यीय सामुदायिक केंद्रों का उद्घाटन भी किया गया, जो आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेंगे.
गुजरात और अन्य राज्यों के लिए नई परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने आदिवासी संस्कृति और विरासत के संरक्षण के लिए मणिपुर के इम्फाल में आदिवासी अनुसंधान संस्थान (TRI) भवन का उद्घाटन किया. इस संस्थान का उद्देश्य आदिवासी समुदाय की अनूठी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और अध्ययन करना होगा. प्रधानमंत्री ने असम मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़ में सक्षमता केंद्र की शुरुआत भी की, जो आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए चिकित्सा सुविधाएं और प्रशिक्षण प्रदान करेगा.
इस दौरान, प्रधानमंत्री ने गुजरात के 14 आदिवासी जिलों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए 250 बसों को हरी झंडी भी दिखाई. यह कदम आदिवासी क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि इन क्षेत्रों के लोग आसानी से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच यात्रा कर सकें.
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए. उन्होंने 50 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखी, जो जनजातीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे. इन विद्यालयों के निर्माण पर 2,320 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है, जिससे सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और मजबूत होगी.
सड़क और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में सुधार
प्रधानमंत्री ने जनजातीय क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को सुधारने के लिए भी एक बड़ा कदम उठाया. उन्होंने 748 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण की घोषणा की, जो आदिवासी क्षेत्रों को प्रमुख शहरों और अन्य जिलों से जोड़ने का काम करेगी. इसके अलावा, 14 जनजातीय बहु-विपणन केंद्रों (TMMC) का शिलान्यास भी किया गया, जो आदिवासी समुदाय के लिए एकल बाजारों के रूप में कार्य करेंगे और उनके उत्पादों को बेहतर मूल्य दिलवाने में मदद करेंगे.
इन विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने डेडियापाड़ा शहर में एक जनसभा को संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने कहा, 'आदिवासियों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान दिया है, लेकिन कांग्रेस ने कभी उनके योगदान को मान्यता नहीं दी और स्वतंत्रता के बाद पार्टी के 60 साल के शासन के दौरान उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया.' उन्होंने कहा, ‘हमने आदिवासी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ा दी हैं क्योंकि उन्हें ‘सिकल सेल एनीमिया’ का खतरा है.
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