वो पल जब त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद में भावुक हुए पीएम मोदी, कही थी यह बात

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर इतिहास रच दिया. यह पहली बार था जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मानित सदन में बोल रहा था.

    PM Modi gets emotional in parliament of trinidad
    Image Source: ANI

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर इतिहास रच दिया. यह पहली बार था जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मानित सदन में बोल रहा था. लेकिन यह भाषण केवल औपचारिकताओं तक सीमित नहीं रहा—प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन इतिहास, भावनाओं और भारत-त्रिनिदाद संबंधों की गहराई को छू गया.

    'स्पीकर की कुर्सी ने भावुक कर दिया' 

    अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में मौजूद स्पीकर की कुर्सी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जब उसपर लिखा वाक्य पढ़ा. भारत के लोगों की ओर से त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के लिए, तो वे भावुक हो गए. उन्होंने कहा, "ये सिर्फ एक कुर्सी नहीं है, बल्कि दो लोकतंत्रों की दोस्ती, भरोसे और साझी विरासत का प्रतीक है.

    लोकतंत्र हमारे लिए जीने का तरीका है

    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को रेखांकित करते हुए कहा, कि भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि त्रिनिदाद और टोबैगो की राजनीति में महिला नेतृत्व की अहम भूमिका है और देश की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों महिलाएं हैं, जो स्वयं को "प्रवासी भारतीयों की बेटियां" कहती हैं.

    मैं इस सदन को संबोधित करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री मोदी ने इसे गौरव का क्षण बताया कि वे त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद को संबोधित करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा, कि इस मंच से बोलना सिर्फ मेरा नहीं, भारत के हर नागरिक का सम्मान है. उन्होंने संसद के उन सदस्यों का जिक्र भी किया जिनके पूर्वज भारत के बिहार से आए थे, उस भूमि से जो प्राचीन गणराज्यों और महाजनपदों की जननी रही है.

    180 साल की साझा विरासत और कैरेबियाई संस्कृति में भारतीय रंग

    अपने ऐतिहासिक संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत और त्रिनिदाद के सांस्कृतिक जुड़ाव की बात भी की. उन्होंने कहा, करीब 180 साल पहले, पहले भारतीय समुद्र पार कर इस धरती पर आए थे. तब से लेकर आज तक उन्होंने राजनीति, कविता, क्रिकेट, वाणिज्य. हर क्षेत्र में योगदान दिया है. पीएम मोदी ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में क्रिकेट का भी जिक्र किया और कहा कि, भारतीय, वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के सबसे बड़े फैंस हैं. बस जब वो भारत के खिलाफ न खेल रहे हों.

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