आराः गुरुवार को बिहार में आई तेज आंधी और बारिश ने बड़ी तबाही मचाई. आरा के बड़हरा प्रखंड के पास महुली घाट पर गंगा नदी पर बना पीपा पुल तूफान की चपेट में आकर चार-पांच हिस्सों में टूट गया. यह पुल बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ता है और इलाके की अहम लाइफलाइन माना जाता है.
खुशकिस्मती रही कि जब यह हादसा हुआ, उस वक्त पुल पर मौजूद लोग किसी तरह समय रहते सुरक्षित दूसरी ओर पहुंच गए, जिससे कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अब इलाके में डर और असुरक्षा का माहौल है. इस खराब मौसम की वजह से फसलों को भी नुकसान हुआ है.
हजारों लोग परेशान
इस पुल के टूटने से भोजपुर, बलिया, छपरा और खवासपुर जैसे इलाकों के 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. हर दिन करीब 25 हजार लोग इस पुल से गंगा पार करते थे, लेकिन अब लोग नावों के सहारे यात्रा करने को मजबूर हैं.
खतरे में सफर
ग्रामीणों के मुताबिक, छोटी-छोटी नावों पर 12-15 मोटरसाइकिल और दर्जनों लोगों को एक साथ बैठाकर गंगा पार कराया जा रहा है, जो काफी खतरनाक है. लेकिन पुल टूटने के कारण लोगों के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है.
स्थायी पुल की मांग
ग्रामीणों ने सरकार से मजबूत और पक्का पुल बनाने की मांग की है, ताकि हर साल आंधी-पानी जैसी प्राकृतिक आपदाओं में लोगों को परेशानी न हो और सुरक्षित आवाजाही बनी रहे. प्रशासन की ओर से टूटी पुल की मरम्मत और यातायात फिर से शुरू करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन गंगा का तेज बहाव और बदला हुआ मौसम राहत कार्यों में बड़ी रुकावट बन रहे हैं.
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