How Pinaka Rocket Launcher Works: भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी तनाव की स्थिति बनती है, भारतीय सेना अपनी रणनीतिक तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ती. ऐसे ही हालातों में एक हथियार जो हमेशा चर्चा में रहता है, वह है — ‘पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम’ (Pinaka MBRL). यह कोई साधारण सैन्य हथियार नहीं, बल्कि भारतीय रक्षा विज्ञान की एक मिसाल है, जो युद्धक्षेत्र में दुश्मनों पर कहर बनकर टूटता है.
नाम भी पौराणिक, ताकत भी जबरदस्त
इस रॉकेट सिस्टम का नाम भगवान शिव के दिव्य धनुष ‘पिनाका’ पर रखा गया है, जो नाश और न्याय का प्रतीक माना जाता है. यह रॉकेट सिस्टम पूरी तरह से भारत में विकसित किया गया है. इसकी डिज़ाइनिंग का श्रेय DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) को जाता है, जबकि निर्माण का काम टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टुब्रो जैसे निजी रक्षा उद्योगों ने मिलकर किया है.
कैसे काम करता है पिनाका?
पिनाका एक मोबाइल ट्रक माउंटेड सिस्टम है, जिसमें आमतौर पर 6 से 12 ट्यूब्स लगे होते हैं. हर ट्यूब से एक-एक रॉकेट छोड़ा जा सकता है — यानी महज कुछ सेकंड में एक पूरे इलाके पर रॉकेटों की बारिश की जा सकती है. इसकी 42 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने की क्षमता इसे युद्ध के मैदान में बेहद प्रभावशाली बनाती है.
रेंज और क्षमताएं
पिनाका के पहले संस्करण Mark-I की मारक क्षमता लगभग 40 किलोमीटर थी. लेकिन अब इसके अपग्रेडेड वर्जन की रेंज 45 से लेकर 90 किलोमीटर तक पहुंच गई है, जिसे और बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं. इसकी यह क्षमता इसे एक दीर्घ दूरी तक मार करने वाला और उच्च विनाशक क्षमता वाला हथियार बना देती है. यह प्रणाली हर मौसम में काम करने में सक्षम है और इसका उपयोग टैंक, बंकर, हथियार भंडार और दुश्मन की सामरिक पोस्ट्स को नष्ट करने के लिए किया जाता है.
युद्ध में पिनाका की भूमिका
हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान, पिनाका ने अपने आक्रामक प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना की ताकत अब आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत हो चुकी है. इसकी तेज़ी, सटीकता और तबाही मचाने की क्षमता ने यह सुनिश्चित किया कि दुश्मन पक्ष को कभी भी सुरक्षित महसूस न हो.
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