पपीते की मिठास से अब बदलेगी बिहार के किसानों की तक़दीर, नीतीश सरकार लाई नई योजना

    Bihar Papaya Farming News: बिहार के मेहनतकश किसानों के लिए यह मौसम सिर्फ खेती का नहीं, नई उम्मीदों का भी है. खासकर उन किसानों के लिए जो बागवानी में अपनी किस्मत आज़माना चाहते हैं. राज्य सरकार ने अब पपीता उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए एक खास योजना की शुरुआत की है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और खेतों की फसल भी रंग लाएगी.

    papaya will now change the fate of Bihar farmers Nitish government brings new scheme
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    Bihar Papaya Farming News: बिहार के मेहनतकश किसानों के लिए यह मौसम सिर्फ खेती का नहीं, नई उम्मीदों का भी है. खासकर उन किसानों के लिए जो बागवानी में अपनी किस्मत आज़माना चाहते हैं. राज्य सरकार ने अब पपीता उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए एक खास योजना की शुरुआत की है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और खेतों की फसल भी रंग लाएगी.

    उप मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए शुरू की जा रही है.

    1.50 करोड़ की योजना, पहले साल में ही 90 लाख की स्वीकृति

    करीब 1.50 करोड़ रुपये की लागत से चलने वाली इस योजना के पहले चरण के लिए 90 लाख 45 हजार रुपये की मंजूरी दी जा चुकी है. इसका उद्देश्य है कि पपीते की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी को नई ऊंचाई दी जाए.

    60% तक अनुदान, छोटे किसान भी होंगे लाभान्वित

    इस योजना की सबसे खास बात है कि इसमें 60% तक अनुदान का प्रावधान किया गया है. किसानों को प्रति हेक्टेयर 75,000 रुपये की लागत पर 45,000 रुपये का अनुदान मिलेगा. यह सहायता दो किस्तों में दी जाएगी, पहली किस्त ₹27,000, दूसरी किस्त ₹18,000. केंद्र और राज्य दोनों इसमें बराबर भागीदारी निभाएंगे, जबकि राज्य सरकार 20% अतिरिक्त टॉप-अप भी देगी. यह प्रावधान छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि 0.25 एकड़ से लेकर 2 हेक्टेयर तक के किसान इसका लाभ उठा सकें.

    22 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ

    इस योजना को बिहार के 22 जिलों में लागू किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं, पटना, वैशाली, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर और मधुबनी.

    ज्यादा पौधे, ज्यादा उत्पादन, ज्यादा मुनाफा

    सरकार ने पपीते की खेती के लिए 2.2 मीटर की दूरी पर पौधों को लगाने की सिफारिश की है. इस पद्धति से एक हेक्टेयर में लगभग 2,500 पौधे लगाए जा सकते हैं. इससे न केवल पैदावार में इजाफा होगा, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी.

    किसानों के लिए अवसर, खेतों के लिए परिवर्तन

    उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भरोसा जताया कि इस योजना के माध्यम से बिहार में बागवानी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. किसान पपीते जैसी लाभकारी फसल से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकेंगे.

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