पाकिस्तान में भय और भगदड़ का माहौल, मुनीर ने दिया बंकर का आइडिया! अब सुरंग में शिफ्ट हो रहा सेना का हेडक्वार्टर?

    पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार खुद कह चुके हैं कि यह युद्धविराम अस्थायी है—सिर्फ 18 मई तक.

    panic in Pakistan Army headquarters being shifted to tunnel Munir
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    इस्लामाबादः भारत के ऑपरेशन सिंदूर की धमक अभी थमी नहीं है, और पाकिस्तान में खौफ का माहौल गहराता जा रहा है. जैसे-जैसे सीजफायर की डेडलाइन (18 मई) नज़दीक आई, वैसे-वैसे इस्लामाबाद की बेचैनी खुलकर सामने आने लगी. पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार खुद कह चुके हैं कि यह युद्धविराम अस्थायी है—सिर्फ 18 मई तक. सवाल उठता है: क्या अब भारत दोबारा सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है?

    डर ने करवाया सेना का 'पलायन'

    भारत की सैन्य ताकत और आक्रामक रुख से घबराई पाकिस्तानी सेना ने अब रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय को इस्लामाबाद के मरगला हिल्स में शिफ्ट करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. यह निर्णय 10 मई को भारतीय वायुसेना द्वारा नूर खान एयरबेस पर हमले के बाद लिया गया, जो रावलपिंडी स्थित GHQ के बेहद करीब था.

    पाकिस्तान के सैन्य सूत्रों के अनुसार, मरगला पहाड़ियों के भीतर एक 10 किलोमीटर लंबी सुरंग में अंडरग्राउंड हेडक्वार्टर तैयार किया जा रहा है. पहाड़ियों के नीचे होने के कारण यह स्थल मिसाइल हमलों और एयरस्ट्राइक से अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जा रहा है. यही नहीं, यहां से पाकिस्तान एयरफोर्स और नेवी के मुख्यालय भी नजदीक हैं, जिससे कम्युनिकेशन और रेस्पॉन्स टाइम में भी फायदा मिलेगा.

    सिर्फ बंकर नहीं, आलीशान बस्ती

    मरगला में बन रहे इस सैन्य परिसर में 90 छह-बेडरूम वाले बंगले, 300 चार-बेडरूम घर, और लगभग 14,750 लग्ज़री अपार्टमेंट्स शामिल हैं. एक मल्टीस्टोरी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी इस परियोजना का हिस्सा है. यह प्रोजेक्ट 2004 में परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल में शुरू हुआ था, लेकिन अब ऑपरेशन सिंदूर की धमक से इस पर काम रफ्तार पकड़ चुका है.

    भारत के सख्त संकेतों से PAK में खलबली

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ही साफ कर चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है—यह केवल एक "ट्रेलर" था. उनके शब्दों में, “पूरी पिक्चर अभी बाकी है.” इन बयानों ने पाकिस्तान के रणनीतिक हलकों में अशांति और भ्रम का माहौल पैदा कर दिया है.

    रिपोर्ट्स बताती हैं कि आतंकियों के कई शीर्ष आकाओं ने अंडरग्राउंड होना शुरू कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियों का इनपुट है कि JF-17 लड़ाकू विमानों की असेंबली यूनिट, मिसाइल निर्माण इकाइयों और आतंकी ट्रेनिंग कैम्प्स को भारतीय वायुसेना द्वारा अगला संभावित टारगेट माना जा रहा है.

    क्या अब फिर गरजेगा भारत?

    जैसे ही 18 मई की रात खत्म होती है, यह देखना बेहद अहम होगा कि भारत क्या अगला कदम उठाता है. क्या ऑपरेशन सिंदूर का "पार्ट-2" शुरू होगा? या फिर भारत दबाव और डिप्लोमैसी के सहारे पाकिस्तान को और अधिक पीछे हटने पर मजबूर करेगा?

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