Haryana: हरियाणा के नूंह जिले का फिरोजपुर झिरका इन दिनों एक ऐतिहासिक इस्लामिक जलसे की मेज़बानी के लिए पूरी तरह तैयार है. 19 से 21 अप्रैल तक चलने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देशभर से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है. इस बड़े आयोजन की खास बात यह है कि यहां इंतजामों की मिसाल दी जा रही है—चाहे वो बिजली-पानी की सुविधा हो, ट्रैफिक कंट्रोल हो या फिर सेक्योरिटी—हर मोर्चे पर तैयारियां मुकम्मल हैं.
तब्लीगी जमात द्वारा आयोजित इस जलसे में करीब 15 लाख लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है, जिसके लिए 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र को आयोजन स्थल के रूप में तैयार किया गया है. वहीं, 20 एकड़ जमीन पर भव्य टेंट और अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं. यह जलसा केवल मजहबी आयोजन नहीं बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द और प्रशासनिक तालमेल का भी एक शानदार उदाहरण बनता जा रहा है.
हिंदू-मुस्लिम एकता की खूबसूरत तस्वीर
इस जलसे की एक और खास बात यह है कि आयोजन स्थल की आधी जमीन हिंदू समाज के लोगों की है, जोकि एकदम निशुल्क दी गई है. हिंदू समुदाय के लोग ट्यूबवेल और पानी जैसी जरूरी सुविधाएं भी मुहैया करा रहे हैं. ऐसे वक्त में जब दोनों समुदायों के बीच कई वैचारिक मतभेद देखने को मिलते हैं, ये जलसा एकता और भाईचारे की एक मिसाल बनकर सामने आया है.
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हजरत मौलाना साद भी करेंगे शिरकत
इस जलसे में विशेष रूप से हजरत मौलाना साद की शिरकत को लेकर श्रद्धालुओं में खास उत्साह है. लाखों की संख्या में लोग उनकी बात सुनने और दुआओं में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से यहां पहुंच रहे हैं.
आयोजन स्थल पर हर इंतजाम दुरुस्त
एसडीएम फिरोजपुर झिरका लक्ष्मी नारायण ने सभी संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए हर स्तर पर तैयारियों की समीक्षा की है. जलसा स्थल पर पुलिस, दमकल, स्वास्थ्य, नगर निकाय, जल एवं बिजली विभाग की टीमों को 24 घंटे एक्टिव रखा गया है. ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए भी अलग-अलग दिशाओं से आने वाले लोगों के लिए विशेष पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जिनकी पहचान के लिए होर्डिंग्स और बोर्ड्स लगाए गए हैं.
साफ-सफाई और खाने को लेकर भी सख्ती
आयोजन समिति की ओर से साफ कहा गया है कि खुले में शौच न हो, इसके लिए उचित संख्या में मोबाइल टॉयलेट्स लगाए गए हैं. वहीं, खाने-पीने के स्टॉल्स पर भी निगरानी रहेगी. बिरयानी बेचने वालों को बीफ प्रतिबंध के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. आयोजन स्थल पर सिर्फ वेज या चिकन बिरयानी ही बेचने की अनुमति होगी. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
21 अप्रैल को दुआ के साथ होगा समापन
इस्लामिक जलसे का समापन 21 अप्रैल को एक विशेष दुआ के साथ होगा, जिसमें मुल्क में अमन, शांति और तरक्की की कामना की जाएगी. जलसा कमेटी और जिला प्रशासन की संयुक्त कोशिशों से यह आयोजन एक शांति, सद्भाव और व्यवस्था का उदाहरण बनता जा रहा है. अब सबकी निगाहें इन तीन दिनों पर टिकी हैं, जो ना सिर्फ धार्मिक श्रद्धा बल्कि सामाजिक सौहार्द का प्रतीक साबित होंगे.