जयपुर: राजस्थान सरकार की 'पालनहार योजना' राज्य के सामाजिक कल्याण और बच्चों के संरक्षण में एक अहम कदम है. यह योजना विशेष रूप से उन बच्चों के लिए बनाई गई है जिनका कोई सहारा नहीं है, जो अनाथ हैं, जिनके माता-पिता गंभीर रूप से असमर्थ हैं या जिनका पालन-पोषण ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है. इस योजना का उद्देश्य इन बच्चों को एक सुरक्षित, परिवार जैसा माहौल प्रदान करना है, ताकि वे मानसिक, शारीरिक और शैक्षिक दृष्टि से एक स्वस्थ जीवन जी सकें.
क्या है 'पालनहार योजना'?
राजस्थान सरकार की 'पालनहार योजना' का मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चों को संस्थागत आश्रय (जैसे अनाथालय) के बजाय एक पारिवारिक वातावरण में बड़ा होने का अवसर मिले. इस योजना के तहत, ऐसे बच्चों को एक 'पालनहार' (अभिभावक) सौंपा जाता है, जो उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाता है. बदले में सरकार पालनहार को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिससे बच्चों को सही तरीके से लालन-पालन, शिक्षा और सुरक्षा मिल सके. इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों के लिए है, जिनके माता-पिता नहीं हैं या जो जीवन की कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं.
किन बच्चों को मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ उन बच्चों को मिलता है, जिनके माता-पिता दोनों का निधन हो चुका है. विधवा, तलाकशुदा या पति द्वारा छोड़ी गई महिलाओं के बच्चों को भी इसका लाभ मिलता है. HIV/AIDS से पीड़ित और कारावास में बंद माता-पिता के बच्चे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. गंभीर रोग से पीड़ित और भिक्षावृत्ति में लिप्त परिवारों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिलता है. इसके अलावा, आवेदनकर्ता बच्चा राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसकी परिवार की सालाना आय 1.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. बच्चे का आंगनवाड़ी में 2 वर्ष की उम्र में पंजीकरण और स्कूल में 6 वर्ष की उम्र में दाखिला होना अनिवार्य है.
पालनहार योजना में दी जाने वाली आर्थिक सहायता
राज्य सरकार पालनहार को बच्चों के लालन-पालन हेतु प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्रदान करती है. 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए: ₹1500 प्रति माह मिलते हैं. 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए: ₹2500 प्रति माह मिलते हैं. इसके अलावा, सभी श्रेणी के बच्चों को कपड़े, जूते और अन्य आवश्यकताओं के लिए ₹2000 प्रति वर्ष की अतिरिक्त सहायता भी दी जाती है. इसके अलावा, बच्चों को शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और पोषाहार योजना का लाभ भी प्रदान किया जाता है.
पालनहार योजना के लाभ
'पालनहार योजना' से बच्चों को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. अनाथ और बेसहारा बच्चों को परिवार जैसा वातावरण मिलता है. बच्चों को उचित शिक्षा, भोजन और स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होती हैं. बच्चों को किसी भी प्रकार के शोषण से बचाया जाता है. योजना का उद्देश्य समाज में असमानता को कम करना और बच्चों को एक सम्मानजनक जीवन देना है.
पालनहार योजना के लिए कैसे करें आवेदन?
पालनहार योजना के तहत आवेदन करना आसान है और इसके लिए दोनों ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम उपलब्ध हैं. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की वेबसाइट पर जाकर https://sje.rajasthan.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा, ई-मित्र पोर्टल (https://emitra.rajasthan.gov.in) से भी आवेदन किया जा सकता है. ऑफलाइन आवेदन के लिए नजदीकी ई-मित्र केंद्र, बाल विकास परियोजना कार्यालय (CDPO) या ग्राम पंचायत से फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं. फॉर्म को सही तरीके से भरकर, आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित कार्यालय में जमा करना होगा. इसके अलावा, आंगनवाड़ी केंद्र से भी आवेदन किया जा सकता है.
आवश्यक दस्तावेज
योजना की निगरानी और समीक्षा
राजस्थान सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इस योजना की निगरानी और समीक्षा करता है. विभाग समय-समय पर जिलास्तरीय अधिकारियों और परियोजना अधिकारियों के माध्यम से योजना की प्रगति की समीक्षा करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा योजना से वंचित न रह जाए.
महत्वपूर्ण तथ्य और आंकड़े
राजस्थान सरकार की पालनहार योजना ने अब तक 22 पालनहारों को नियुक्त किया है, जबकि 17,01,666 लड़कों और 5,22,697 लड़कियों को लाभ मिला है. सरकार ने अभी तक ₹672.88 करोड़ की राशि वितरण की है. यह सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में दी जाती है.
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