इस्लामाबाद: भारत के साथ बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार को एक विशेष सत्र में सर्वसम्मति से भारत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया. इस सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बुलावे पर की गई थी.
सत्र में कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि, "देश को इस समय एकजुट होने की आवश्यकता है. हमें एक ऐसा स्पष्ट संदेश देना होगा जो न केवल हमारी एकता को दर्शाए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक भी पहुंचे."
उन्होंने संसद के दैनिक कार्यों को स्थगित करने का प्रस्ताव भी रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया.
राजनीतिक नेतृत्व की आपसी बैठक
इससे एक दिन पहले, रविवार को पाकिस्तान में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें प्रमुख राजनीतिक दलों को देश की सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया.
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में सैन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिनिधियों को मौजूदा क्षेत्रीय परिस्थितियों और राष्ट्रीय रक्षा तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई.
सूत्रों के अनुसार, इसमें राजनयिक नीतियों, सीमाई घटनाओं और संभावित रणनीतिक विकल्पों पर भी चर्चा की गई.
भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. सरकार ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय लिया है और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए लॉन्ग टर्म वीजा सुविधा को निलंबित कर दिया है.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने चिनाब नदी का प्रवाह भी नियंत्रित किया है. जम्मू-कश्मीर के रामबन क्षेत्र में स्थित बागलिहार बांध से जल प्रवाह रोका गया है, और झेलम नदी पर किशनगंगा परियोजना के माध्यम से जल प्रवाह सीमित करने पर विचार हो रहा है.
UNSC में भारत-पाक मुद्दे पर चर्चा
भारत-पाक तनाव पर अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी चर्चा होने जा रही है. पाकिस्तान की ओर से इस विषय पर मीटिंग की मांग की गई थी, जिसे ग्रीस ने वर्तमान अध्यक्षता के तहत स्वीकार किया है.
संयुक्त राष्ट्र में ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि इवानगेलोस सेकेरीस ने पुष्टि की कि बैठक शीघ्र आयोजित की जाएगी ताकि तनाव को कूटनीतिक स्तर पर कम करने के प्रयास किए जा सकें.
भारत की सैन्य प्रतिक्रिया
भारत की ओर से सैन्य स्तर पर भी तैयारी तेज की गई है. रविवार को एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, यह बैठक सुरक्षा परिदृश्य और संभावित रणनीतिक प्रतिक्रियाओं को लेकर थी.
इसी दिन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "रक्षा मंत्री के रूप में मेरी जिम्मेदारी है कि भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए और जो भी भारत की ओर गलत इरादे से देखेगा, उसे माकूल जवाब मिलेगा. देश को आश्वस्त रहना चाहिए कि अपेक्षित कार्रवाई जरूर की जाएगी."
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