जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. अब तक के हालात से घबराया पाकिस्तान न सिर्फ राजनयिक स्तर पर तीखी बयानबाजी कर रहा है, बल्कि उसकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी युद्ध के संकेत देने लगे हैं. इसी क्रम में पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ का एक भड़काऊ भाषण सामने आया है, जिसने क्षेत्रीय तनाव को और हवा दे दी है.
एडमिरल अशरफ ने हाल ही में एक सैन्य समारोह के दौरान अपने जवानों से कहा, "अब खुद को साबित करने का समय आ गया है. देश को हमसे उम्मीदें हैं और हमें उनका जवाब देना होगा." उनके इस बयान को विश्लेषक युद्ध की ओर एक स्पष्ट संकेत मान रहे हैं. उन्होंने नौसेना को युद्ध के लिए तैयार रहने की सलाह भी दी, जो क्षेत्र में शांति की संभावनाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
भड़काऊ बयानों की लाइन में शामिल हुए कई पाकिस्तानी नेता
पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख अकेले नहीं हैं जो इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. हाल के दिनों में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, विदेश मंत्री इशाक डार, पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और रेल मंत्री हनीफ अब्बासी जैसे बड़े नामों ने भी भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए हैं. बिलावल ने तो यहां तक कह दिया कि “सिंधु नदी में खून बह सकता है,” जबकि हनीफ अब्बासी ने परमाणु हमले की धमकी तक दे डाली.
भारत का कड़ा रुख: नीतिगत और रणनीतिक फैसले
भारत सरकार ने पहलगाम हमले को बेहद गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई निर्णायक कदम उठाए हैं. सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात-निर्यात बंद कर दिए गए हैं, वीजा प्रक्रियाएं रोक दी गई हैं और पाकिस्तानी जहाजों की भारतीय बंदरगाहों तक पहुंच पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
एनआईए की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें लॉजिस्टिक और रणनीतिक सहायता दी थी. इसी वजह से भारत का जवाब न सिर्फ कूटनीतिक है, बल्कि सुरक्षा के स्तर पर भी बेहद कठोर दिखाई दे रहा है.
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