इस्लामाबाद: पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के पूर्व महानिदेशक को लंबी कैद की सजा सुनाई गई है. लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) फैज हमीद, जो कभी प्रधानमंत्री इमरान खान के सबसे भरोसेमंद सैन्य सहयोगियों में गिने जाते थे, अब अगले 14 साल जेल में काटेंगे. पाकिस्तान सेना की विशेष अदालत- फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने उन्हें ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के उल्लंघन, राजनीतिक गतिविधियों में दखल, और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोपों में दोषी पाया है.
यह कदम सेना प्रमुख असीम मुनीर के दौर में पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था के भीतर हो रहे बड़े पावर-शिफ्ट का संकेत माना जा रहा है. फैज हमीद को लंबे समय से “इमरान खान कैंप” का सबसे ताकतवर चेहरा माना जाता था, और दोनों के राजनीतिक समीकरणों ने सेना के भीतर कई धड़ों को खुलकर आमने-सामने ला दिया था.
सेना ने कहा- कानून के तहत हुई कार्रवाई
पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ISPR ने बताया कि फैज हमीद के खिलाफ अगस्त 2023 में कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
करीब 15 महीने चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि:
इन सभी आरोपों को साबित मानते हुए फील्ड कोर्ट ने 14 साल कैद की सजा सुना दी. यह सजा 11 दिसंबर 2024 से ही लागू मानी जाएगी.
इमरान खान के सबसे करीबी जनरल का पतन
फैज हमीद पाकिस्तान की राजनीति और सेना दोनों में बेहद विवादित और प्रभावशाली नाम रहे हैं.
लेकिन 2022 में इमरान खान की सरकार गिरने के बाद सेना के भीतर सत्ता समीकरण बदल गए. नए आर्मी चीफ असीम मुनीर और शहबाज शरीफ सरकार ने फैज को “राजनीतिक दखल” का केंद्र माना और उन पर निगरानी शुरू की. अब वही जांच उन्हें जेल तक ले आई है.
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