जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है. सुरक्षा एजेंसियों से लेकर कूटनीतिक गलियारों तक हर मोर्चे पर कड़ा रुख अपनाया गया है. इसी बीच, केंद्र सरकार ने 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल करवाने का आदेश दिया है — जो इस बात का संकेत है कि भारत अब किसी भी स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहा है.
इस मसले पर थल सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर विजय सागर ने 6 मई को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में युद्ध जैसी परिस्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने मॉक ड्रिल के निर्देश को जरूरी बताया और कहा कि, “अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो मिसाइल या हवाई हमलों से नागरिक इलाकों को भी खतरा हो सकता है. ऐसे में जान-माल के नुकसान को कैसे कम किया जाए — मॉक ड्रिल का यही मकसद है.” ब्रिगेडियर सागर ने कहा कि युद्ध सिर्फ सेना नहीं, पूरा देश लड़ता है. जनता को भी मानसिक और व्यवहारिक तौर पर तैयार रहना होता है.
UNSC बैठक और पाकिस्तान की घबराहट
सागर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हालिया बैठक पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पांच बड़े फैसलों के बाद पाकिस्तान की बेचैनी साफ दिख रही है. उन्होंने कहा, “वो दुनिया को दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत आक्रामक है, लेकिन उसकी बातें अब कोई सुनने को तैयार नहीं.” उन्होंने पाकिस्तान की ‘गीदड़भभकियों’ को खारिज करते हुए कहा कि भारत अब किसी भी झूठे प्रचार के जाल में नहीं फंसने वाला.
सिंधु जल संधि और पाकिस्तान को बड़ा झटका
ब्रिगेडियर सागर ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले को रणनीतिक रूप से एक अहम कदम बताया. उन्होंने कहा, “ये पाकिस्तान को पानी की तरह बहती चेतावनी है. अब भारत न सिर्फ कूटनीति से, बल्कि सैन्य रूप से भी उन ठिकानों को निशाना बनाएगा जो भारत में आतंकवाद फैलाने की जड़ हैं — चाहे वो आईएसआई हो या पाकिस्तानी सेना का शीर्ष नेतृत्व.” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की सेना अब योजनाबद्ध तरीके से एक-एक करके ऐसे हर ठिकाने को खत्म करेगी, जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.
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