आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान एक बार फिर कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है. ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि पाकिस्तान का कुल कर्ज अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. आर्थिक संकट से घिरे इस देश के लिए यह खबर एक और बड़ा झटका मानी जा रही है.
पाकिस्तान पर चढ़ा कर्ज का पहाड़
पाकिस्तान की वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में देश का कुल कर्ज बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये हो चुका है. इसमें 51,500 अरब रुपये का कर्ज घरेलू बैंकों से लिया गया है, जबकि 24,500 अरब रुपये का कर्ज विदेशी स्रोतों से जुटाया गया है.
वित्त मंत्री का दावा और सुधार की उम्मीदें
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने पाकिस्तान की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग CCC से बढ़ाकर B- कर दी है. साथ ही, सरकार का लक्ष्य अगले साल 24 सरकारी कंपनियों के निजीकरण का है ताकि घाटे को नियंत्रित किया जा सके. पाकिस्तान को 800 अरब रुपये के वार्षिक घाटे से जूझना पड़ रहा है, जिस पर सरकार अब नियंत्रण का प्रयास कर रही है.
विदेशी मुद्रा भंडार में हल्का सुधार
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 30 जून 2024 तक 9.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. 2025 में यह भंडार बढ़कर 16.64 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें से 11.5 अरब डॉलर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और 5.14 अरब डॉलर कमर्शियल बैंकों के पास जमा हैं. यह स्थिति पिछले साल की तुलना में बेहतर मानी जा रही है जब पाकिस्तान का भंडार महज दो हफ्तों के आयात का खर्च ही कवर कर पा रहा था.
जीडीपी में मामूली बढ़ोतरी
आर्थिक समीक्षा में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान की जीडीपी में इस साल मामूली सुधार दर्ज हुआ है. अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके साथ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का कुल आकार 411 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष 372 अरब डॉलर था.
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