इस्लामाबाद: अमेरिका द्वारा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने सफाई देते हुए दावा किया है कि उसकी जमीन पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा कोई भी नेटवर्क अब सक्रिय नहीं है. इसके साथ ही उसने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में अपनी संलिप्तता से साफ इनकार किया है.
अमेरिका ने TRF पर की कार्रवाई
TRF, लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है और उस पर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने का आरोप लगा था. हालांकि, बाद में TRF ने उस जिम्मेदारी से पीछे हटते हुए बयान वापस ले लिया. अमेरिका ने TRF को आधिकारिक रूप से वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है.
इस घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि उसके देश में न तो कोई आतंकी शिविर संचालित हो रहा है और न ही लश्कर जैसे संगठनों का कोई सक्रिय नेटवर्क मौजूद है.
विदेश मंत्रालय ने पेश किया पाकिस्तान का पक्ष
पाक विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े नेटवर्क को प्रभावी रूप से खत्म किया जा चुका है. संगठन के शीर्ष नेतृत्व को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी हुई है. मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि पहलगाम हमला किसने किया, इसकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है, ऐसे में लश्कर से इसका संबंध जोड़ना गलत है.
आतंक के खिलाफ हमारी नीति स्पष्ट
पाकिस्तान ने खुद को आतंकवाद के विरुद्ध खड़ा बताते हुए कहा कि वह हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा करता है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थक रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है, और अपने देश में आतंकी संगठनों को पनाह देने का आरोप बेबुनियाद है.
भारत-पाक संबंधों पर असर
पुलवामा और उरी जैसे आतंकी हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था. अब पहलगाम की घटना के बाद फिर से पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है. भारत पहले ही TRF और लश्कर को एक ही सिक्के के दो पहलू मानता रहा है. अमेरिका की इस कार्रवाई को भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में भी देखा जा रहा है.
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