भारत के 'प्लान' से पाकिस्तान में खौफ, अमेरिका के साथ मिलकर कर दिया ऐसा खेल; ताकते रह जाएंगे मुनीर-शहबाज!

    भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी वैश्विक मुहिम को और धार देने में जुटा है. इस बार फोकस है पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में फिर से शामिल करवाने पर.

    Pakistan scared of India plan America Munir Shehbaz
    विक्रम मिस्री | Photo: ANI

    नई दिल्ली/वॉशिंगटन: भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी वैश्विक मुहिम को और धार देने में जुटा है. इस बार फोकस है पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में फिर से शामिल करवाने पर. इसी रणनीति के तहत भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पवन कपूर ने हाल ही में 27 से 29 मई तक अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी का दौरा किया, जहां उन्होंने अमेरिका के कई शीर्ष अधिकारियों के साथ अहम बैठकें कीं.

    भारत-अमेरिका ‘कॉम्पैक्ट’ साझेदारी की ओर

    यह दौरा सिर्फ पाकिस्तान को घेरने तक सीमित नहीं रहा. असल में भारत और अमेरिका के बीच एक नई रणनीतिक दिशा तय हुई है, जिसे दोनों देश ‘COMPACT’ यानी Comprehensive, Modern Partnership for the 21st Century का नाम दे रहे हैं. इस साझेदारी की नींव तीन स्तंभों पर टिकेगी — टेक्नोलॉजी, ट्रेड और टैलेंट.

    FATF पर गहरी चर्चा, पाकिस्तान की फंडिंग पर सवाल

    विदेश सचिव मिस्री की अमेरिका के डिप्टी ट्रेजरी सेक्रेटरी माइकल फॉकलेंडर से खास बातचीत में FATF का मुद्दा भी उठा. भारत ने पाकिस्तान की अचानक बढ़ी डिफेंस बजट पर चिंता जताई और सवाल किया कि क्या IMF और वर्ल्ड बैंक से मिला कर्ज आतंकियों को मदद देने या हथियारों पर खर्च हो रहा है? भारत चाहता है कि FATF इस मामले में सख्त रुख अपनाए और पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डाले, ताकि उस पर आर्थिक दबाव बना रहे.

    सैन्य और आर्थिक सहयोग को नई दिशा

    डिप्टी डिफेंस सेक्रेटरी स्टीव फेनबर्ग और अंडर सेक्रेटरी एल्ब्रिज कॉल्बी से बातचीत में यह तय हुआ कि भारत और अमेरिका साथ मिलकर हथियारों का उत्पादन, जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज और इंटेलिजेंस शेयरिंग को मजबूती देंगे. कॉमर्स अंडर सेक्रेटरी जेफरी केसलर से चर्चा में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, एक्सपोर्ट कंट्रोल और ट्रेड डील आसान बनाने पर जोर रहा. जल्द ही इंडिया-US स्ट्रैटेजिक ट्रेड डायलॉग का अगला चरण शुरू होगा.

    थिंक टैंकों और इंडस्ट्री से संवाद

    दौरे के अंतिम दिन मिस्री और कपूर ने अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक टैंक और इंडस्ट्री लीडर्स से बातचीत की. फोकस था इमर्जिंग टेक्नोलॉजी, AI, डिफेंस इनोवेशन और स्ट्रैटेजिक कॉर्पोरेशन पर. माहौल सकारात्मक रहा और दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाएं खुलती दिखीं.

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