इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंध नदी पर प्रस्तावित विवादास्पद नहर परियोजना को लेकर जारी जनआंदोलन ने शुक्रवार को नया मोड़ ले लिया, जब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी और सांसद आसिफा भुट्टो के काफिले पर हमला किया गया.
यह हमला देश में राजनीतिक और क्षेत्रीय असंतोष के खतरनाक स्तर पर पहुंचने की चेतावनी है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को काफिले को घेरते और गाड़ियों पर डंडों से हमला करते देखा गया.
हमला योजनाबद्ध प्रतीत हुआ
घटना के समय आसिफा भुट्टो कराची से नवाबशाह जा रही थीं. हैदराबाद के पास प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले को रोक लिया और 'सिंध के पानी से छेड़छाड़ बंद करो' जैसे नारे लगाते हुए उग्र प्रदर्शन किया.
हालांकि, हैदराबाद पुलिस और आसिफा की सुरक्षा टीम ने तेज प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें सुरक्षित वहां से निकाल लिया. अधिकारियों के मुताबिक घटना एक मिनट से भी कम समय में समाप्त हो गई और कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ.
गृह मंत्री का घर भी बना गुस्से का निशाना
हमले की यह घटना एक बड़ी श्रृंखला का हिस्सा है. सिर्फ चार दिन पहले, प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर का घर जला दिया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले के समय घर की सुरक्षा में लगे गार्डों को भी पीटा गया.
इससे पहले नौशेहरो फिरोज जिले में पुलिस और एक राष्ट्रवादी संगठन के बीच झड़प में दो लोगों की मौत और कई घायल हो चुके हैं. हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं.
विवाद की जड़:
विवाद की मूल वजह है पाकिस्तान सरकार की 211 अरब रुपए लागत वाली वह परियोजना जिसमें सिंध नदी से पानी ले जाकर चोलिस्तान में कृषि विस्तार की योजना है.
सरकार का दावा है कि इससे बंजर भूमि में हरियाली आएगी, लेकिन स्थानीय समुदाय और PPP (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) का मानना है कि यह परियोजना सिंध के लिए "जल अपहरण" जैसी है. विरोधियों का आरोप है कि सिंध की जीवनरेखा को सूखा कर पंजाब और दक्षिणी क्षेत्रों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
संविधानिक प्रक्रिया की अवहेलना?
कुछ हफ्ते पहले कॉउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (CCI) ने स्पष्ट किया था कि जब तक सभी प्रांतों की सहमति नहीं होती, तब तक कोई नई नहर परियोजना शुरू नहीं की जा सकती. इसके बावजूद सरकार की तरफ से इस योजना पर कार्रवाई जारी है, जिससे लोगों में विश्वास का संकट पैदा हुआ है.
आसिफा भुट्टो: सबसे चर्चित परिवार
आसिफा भुट्टो पाकिस्तान के सबसे चर्चित और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार से आती हैं. उनकी मां, बेनजीर भुट्टो, पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं जिनकी 2007 में हत्या कर दी गई थी.
आसिफा के भाई बिलावल भुट्टो PPP के वर्तमान चेयरमैन हैं और खुद आसिफा को भी पार्टी में उभरती हुई नेता के तौर पर देखा जा रहा है. उन पर हमला सिर्फ एक सांसद पर नहीं, बल्कि एक सांकेतिक राजनैतिक हस्ती पर हमला है — जिससे जनता के आक्रोश की गहराई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
टकराव की दिशा में पाकिस्तान?
सिंध प्रांत की घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि पाकिस्तान एक सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल की ओर बढ़ रहा है. एक तरफ सरकार विकास की दुहाई देकर नहर परियोजना को आगे बढ़ाना चाहती है, दूसरी ओर स्थानीय लोग इसे "सिंध की अस्मिता" पर हमला मान रहे हैं.
सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ती दूरियाँ यह संकेत देती हैं कि आने वाले हफ्तों में और भी बड़े टकराव हो सकते हैं, अगर केंद्र और प्रांतीय नेतृत्व के बीच संवाद का रास्ता नहीं निकाला गया.
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