पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर वर्दीधारी हाथों में कैद होती नज़र आ रही है. यह आरोप किसी पत्रकार या विश्लेषक ने नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना के पूर्व मेजर आदिल राजा ने लगाए हैं, जो इन दिनों लंदन में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं. आदिल राजा अब खुद को एक व्हिसलब्लोअर के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, और उनका दावा है कि पाकिस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया जा रहा है, और इसके पीछे कोई और नहीं, बल्कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर हैं.
राजा का दावा है कि जनरल मुनीर सिर्फ सेना प्रमुख बनकर संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि वो पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि मुनीर अपने साले को देश का अगला प्रधानमंत्री बनवाने की मंशा रखते हैं. आदिल राजा का कहना है कि यह सारा घटनाक्रम जनरल परवेज़ मुशर्रफ के दौर की पुनरावृत्ति जैसा है. देश में अव्यवस्था फैलाओ, फिर खुद को तारणहार बताकर सत्ता हथिया लो. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुनीर ने खुद को 'फील्ड मार्शल' का रैंक घोषित कर लिया है, जो संविधान और परंपरा, दोनों का उल्लंघन है. उनका उद्देश्य स्पष्ट है: सिविल व्यवस्था को पीछे धकेल कर, सैन्य शासन को स्थापित करना.
कानूनी दबाव और SLAPP रणनीति
आदिल राजा ने यह भी खुलासा किया कि उनके खिलाफ ब्रिगेडियर राशिद नासिर (आईएसआई के पंजाब सेक्टर कमांडर) द्वारा ब्रिटेन में मानहानि का केस दायर किया गया है. वह इसे एक 'SLAPP केस' (Strategic Lawsuit Against Public Participation) करार देते हैं. एक ऐसी कानूनी चाल जिसका मकसद उन्हें चुप कराना है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अब उन पर सीधे हमला करने के बजाय अदालतों के जरिये दबाव बना रही है. राजा का यह भी दावा है कि ब्रिटेन की काउंटर टेरर पुलिस ने उन्हें नौ महीने तक जांचा, लेकिन अंततः उन्हें क्लीन चिट दे दी गई.
‘लीगल टेररिज़्म’ और हमलों की साजिश
राजा के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब विदेशों में भी 'लीगल टेररिज़्म' की रणनीति अपना रही है. वह कहते हैं कि ये सिर्फ मानहानि मुकदमों तक सीमित नहीं है. विरोधियों को फिजिकल हमलों का भी शिकार बनाया जा रहा है. उन्होंने एक चौंकाने वाली जानकारी साझा की: उनके केस के एक गवाह शाहजाद अकबर पर एसिड अटैक हुआ, और इसके पीछे भी ISI का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है. आदिल का आरोप है कि ISI नहीं चाहती कि ये मामला मीडिया की नज़रों में आए, इसलिए वह हरसंभव प्रयास कर रही है इसे दबाने का.
परिवार को बनाया गया निशाना
इस पूरे घटनाक्रम की मार आदिल राजा के परिवार पर भी पड़ी है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में उनकी मां को घर में नजरबंद कर दिया गया है और उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है, ताकि वह विदेश यात्रा न कर सकें. इतना ही नहीं, आदिल का आरोप है कि उनके परिवार के नागरिक अधिकार भी खत्म कर दिए गए हैं.
'अपराध' सिर्फ इतना कि सच बोला
आदिल राजा को पाकिस्तान सरकार ने Official Secrets Act के तहत गैर-मौजूदगी में कोर्ट मार्शल कर 14 वर्षों की सजा सुनाई है. लेकिन राजा कहते हैं कि उनका असली गुनाह सिर्फ यह था कि उन्होंने सेना की सत्ता में दखल, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र विरोधी गतिविधियों को उजागर किया.
उनके शब्दों में “मैंने बस इतना किया कि जनता को बताया कि सेना किस तरह सरकारें गिराती है, चुनावों को अपने अनुसार मोड़ती है, अदालतों में हस्तक्षेप करती है और अपने स्वार्थ के लिए देश को गिरवी रख देती है.” यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा है, जो दशकों से सैन्य दखल के साये में पनपने की कोशिश कर रहा है. आदिल राजा की आवाज़ को दबाया जा सकता है, लेकिन सवाल यह है. सच को कितने मुकदमों से रोका जा सकता है?
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