शहबाज है कि मानते नहीं! फिर दोहराई भारत से बात करने की मांग

    इस्लामाबाद/रियाद: भारत द्वारा आतंक के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रुख में नरमी दिखाते हुए भारत से सभी लंबित मुद्दों पर "सार्थक संवाद" की पेशकश की है.

    Pakistan pm shehbaz demands Southi arab prince to fix meet with india
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    इस्लामाबाद/रियाद: भारत द्वारा आतंक के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रुख में नरमी दिखाते हुए भारत से सभी लंबित मुद्दों पर "सार्थक संवाद" की पेशकश की है. यह प्रस्ताव उन्होंने हाल ही में सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ हुई बातचीत के दौरान दिया. साथ ही, उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से फोन पर चर्चा करते हुए भी इसी भावना को दोहराया.


    सऊदी बातचीत में शरीफ का बदला रुख

    ‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर, सिंधु जल, व्यापार और आतंकवाद जैसे तमाम मुद्दों पर भारत से बातचीत करने को तैयार है. उन्होंने सऊदी युवराज को आश्वासन दिया कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत जरूरी है.

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला माहौल

    गौरतलब है कि 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचों को निशाना बनाया था. यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे. ऑपरेशन चार दिन चला और 10 मई को दोनों देशों में संघर्ष विराम पर सहमति बनी. इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने और व्यापारिक रिश्ते पूरी तरह रोकने जैसे कड़े कदम भी उठाए.

    अमेरिका के जरिए बढ़ाया संवाद का रास्ता

    पाक पीएम ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से फोन पर चर्चा करते हुए एक बार फिर भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की. पाकिस्तान टीवी पर साझा एक बयान में शरीफ ने कहा कि क्षेत्र में शांति लाने के लिए भारत-पाक के बीच सार्थक बातचीत जरूरी है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दक्षिण एशिया को लेकर दिए गए सकारात्मक बयानों का भी हवाला दिया.

    सिर्फ पीओके और आतंकवाद पर बात

    जहां पाकिस्तान बातचीत का प्रस्ताव भेज रहा है, वहीं भारत ने साफ किया है कि कोई भी संवाद केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी और आतंकवाद पर ही होगा. भारत का मानना है कि बातचीत के लिए पहले आतंक के इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करना जरूरी है.

    पहले भी कर चुके हैं अपीलें

    यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री शरीफ ने भारत से बातचीत की बात की हो. मई के अंत में अजरबैजान में आयोजित त्रिपक्षीय सम्मेलन और ईरान की राजधानी तेहरान में भी उन्होंने यही बात दोहराई थी कि पाकिस्तान हर विवाद को सुलझाने के लिए भारत के साथ संवाद को तैयार है.

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