इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना वर्तमान में एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रही है, जहां गोला-बारूद की उपलब्धता बेहद सीमित बताई जा रही है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के पास केवल चार दिनों तक सक्रिय युद्ध संचालन के लिए पर्याप्त हथियार और गोला-बारूद मौजूद हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार निर्यात करने और घरेलू उत्पादन की सीमाओं के कारण उत्पन्न हुई है.
तोपखाने के गोला-बारूद की कमी
पाकिस्तान की सैन्य नीति लंबे समय से तोपखानों और बख्तरबंद टुकड़ियों पर आधारित रही है, लेकिन वर्तमान में सेना के पास आवश्यक हथियारों की भारी कमी देखी जा रही है. खासकर 155 मिमी तोप के गोले और 122 मिमी रॉकेट्स की उपलब्धता सीमित हो गई है.
इस मुद्दे को 2 मई 2025 को आयोजित कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में प्रमुखता से उठाया गया, जहां वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने चिंता जताई और तात्कालिक समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया.