'भारत ने पानी रोका तो हम....', एक बार फिर पाकिस्तान ने दी गीदड़भभकी

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में भारत को चेतावनी दी है कि यदि उसने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty, IWT) का उल्लंघन करते हुए सिंधु नदी पर कोई संरचना बनाई, तो पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई करेगा.

    Pakistan Defence Minister Khawaja Asif warning india if stopped sindhu water then will war
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    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में भारत को चेतावनी दी है कि यदि उसने सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty, IWT) का उल्लंघन करते हुए सिंधु नदी पर कोई संरचना बनाई, तो पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा, "यदि भारत कोई संरचना बनाने का प्रयास करता है, तो हम उस पर हमला करेंगे. आक्रामकता केवल गोलियों से नहीं होती, पानी रोकना भी एक हथियार है.

    पाकिस्तान रक्षा मंत्री ने लगाए आरोप 

    यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और सिंधु जल संधि को निलंबित करने, अटारी बॉर्डर क्रॉसिंग को बंद करने और पाकिस्तानी विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने जैसे कदम उठाए हैं. आसिफ ने आरोप लगाया कि भारत इस हमले का उपयोग सिंधु जल संधि से बाहर निकलने के लिए एक बहाने के रूप में कर रहा है. उन्होंने इसे 'फॉल्स फ्लैग' ऑपरेशन करार दिया और कहा कि भारत ने बिना ठोस सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगाए हैं.

    अंतरराष्ट्रीय मंचो पर उठाने की योजना 

    पाकिस्तान ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की योजना बनाई है. वह विश्व बैंक, स्थायी मध्यस्थता न्यायालय और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इस मामले को चुनौती देने पर विचार कर रहा है. इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मुद्दे को उठाने का संकेत दिया है.

    इस बीच, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी कदम उठाते हुए अपने वीजा कार्यक्रम को निलंबित किया है, वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद किया है और व्यापारिक संबंधों को निलंबित किया है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत के विमानों के लिए अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है. यह स्थिति दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य संघर्ष की ओर इशारा करती है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की अपील की है.

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