पाकिस्तान की एक और 'ओछी' हरकत, पहलगाम आतंकियों को बता रहा स्वतंत्रता सेनानी; इशाक डार ने उगला जहर

    भारत के कड़े रुख से तिलमिलाया पाकिस्तान अब न सिर्फ हमले की ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है, बल्कि हमलावरों का महिमामंडन करने तक से पीछे नहीं हट रहा.

    Pakistan calling Pahalgam terrorists as freedom fighters Ishaq Dar
    इशाक डार | Photo: ANI

    इस्लामाबादः जब पूरी दुनिया जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा कर रही है और निर्दोष पर्यटकों की हत्या पर शोक व्यक्त कर रही है, तब पाकिस्तान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह आतंक का सबसे बड़ा पैरोकार है. भारत के कड़े रुख से तिलमिलाया पाकिस्तान अब न सिर्फ हमले की ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है, बल्कि हमलावरों का महिमामंडन करने तक से पीछे नहीं हट रहा.

    पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक ऐसा बयान दे डाला है, जिसे सुनकर हर जिम्मेदार राष्ट्र की आंखें शर्म से झुक जाएं. उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के आतंकियों को 'स्वतंत्रता सेनानी' कहकर न केवल हमले को जायज़ ठहराया, बल्कि आतंकी गतिविधियों को वैचारिक समर्थन भी दे डाला.

    भारत के जवाबी कदमों के बाद बौखलाया पाकिस्तान

    भारत ने जैसे ही आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित किया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करते हुए उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया, वैसे ही पाकिस्तान में हलचल तेज़ हो गई. इसी प्रतिक्रिया में गुरुवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक बुलाई गई.

    बैठक के बाद पाकिस्तान ने एक के बाद एक जवाबी फैसले लेने की घोषणा की, जिनमें भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते बंद करना, वाघा बॉर्डर को अस्थायी रूप से सील करना और भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस को बंद करना शामिल है.

    सिंधु जल पर मिली धमकी: ‘युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी’

    भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने पर पाकिस्तान पूरी तरह तिलमिला गया है. विदेश मंत्री डार ने कहा, “पाकिस्तान में 24 करोड़ लोगों को पानी की जरूरत है, इसे रोका नहीं जा सकता. यह युद्ध के समान होगा.” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अगर भारत ने जल प्रवाह को रोका या मोड़ा, तो पाकिस्तान इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ मानेगा और उसी स्तर पर जवाब देगा.

    प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है. NSC बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया, “सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के जल अधिकारों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण किया गया तो इसे सीधी युद्ध चुनौती के तौर पर देखा जाएगा.”

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