पाकिस्तान की सेना ने अपनी मिसाइल ताकत को लेकर कई बार दावा किया है, लेकिन वास्तविकता में उसकी मिसाइलों के परीक्षण अक्सर विफल हो रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान ने भारत की ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए थे, लेकिन इन मिसाइलों के परीक्षण में बार-बार असफलता मिलने के बाद अब पाकिस्तान को अपनी मिसाइल तकनीकी में सुधार की जरूरत महसूस हो रही है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत की अग्नि-5 जैसी मिसाइल की नकल करने की भी कोशिश की, लेकिन वह भी परीक्षण के दौरान असफल रही.
पाकिस्तान की मिसाइल तकनीकी में क्यों आ रही है दिक्कतें?
भारत द्वारा ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करने के बाद पाकिस्तान को यह समझ में आ गया था कि उसे अपनी मिसाइल ताकत को फिर से सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. लेकिन, पाकिस्तान के लिए यह साबित हो रहा है कि उनके मिसाइल वैज्ञानिक भारतीय तकनीक की नकल करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. पाकिस्तान की सेना का दावा था कि उन्होंने भारत की अग्नि-5 मिसाइल का समकक्ष मिसाइल तैयार कर लिया है, लेकिन जैसे ही इसका परीक्षण किया गया, वह मिसाइल उड़ने की बजाय जमीन पर गिर गई.
पाकिस्तान की नकल से क्या हासिल हुआ?
पाकिस्तान की यह नकल एक और विफलता में तब्दील हो गई है. जुलाई 2023 में पाकिस्तान में दो मिसाइल हादसे हो चुके थे और अब हाल ही में पाकिस्तान की अबाबील मिसाइल का परीक्षण भी नाकाम हो गया है. इस मिसाइल को भारत की अग्नि-5 मिसाइल का एक कापी वर्जन माना जा रहा था, लेकिन परीक्षण के दौरान वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रही.
मिसाइल परीक्षण में बार-बार विफलता
पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल, जो पिछले महीने बलूचिस्तान के परमाणु केंद्र के पास गिरी थी, और अबाबील मिसाइल का विफल परीक्षण, पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा झटका साबित हुआ है. इन मिसाइलों की नाकामी ने पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पाकिस्तान की हर मिसाइल अब खुद उसके लिए एक खतरा बनती जा रही है, जो अपनी ही सीमा में गिर रही है.
भारत की मिसाइलों की नकल का कारण
पाकिस्तान की सेना ने पहले भारत को लक्ष्य बनाकर चीन से PL-15 मिसाइलें खरीदी थीं और फिर इन मिसाइलों को परीक्षण किया था. इसके बाद, पाकिस्तान ने चीन के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया और फतह तथा बाबर जैसी मिसाइलों को भी लॉन्च किया था, लेकिन परिणाम कुछ खास नहीं रहे. पाकिस्तान की इन मिसाइलों का स्ट्राइक रेट शून्य साबित हुआ, क्योंकि अधिकांश मिसाइलें या तो पाकिस्तान की सीमा में गिरीं या फिर भारत की सीमा में थोड़ी दूर तक जाकर गिर गईं. भारत के S-400 सिस्टम ने इन मिसाइलों को नष्ट कर दिया.
अब पाकिस्तान की सेना को महसूस हो रहा है कि वह भारत की मिसाइल तकनीक को नकल करके ही अपनी रक्षा क्षमता को सुदृढ़ कर सकती है. पाकिस्तान ने अब भारत की मिसाइलों के जैसे नकल करके अबाबील मिसाइल तैयार की है, लेकिन वह भी परीक्षण के दौरान नाकाम हो गई है.
भविष्य की दिशा
पाकिस्तान की यह विफलताएं इस बात का इशारा कर रही हैं कि उसे अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी में बहुत सुधार की आवश्यकता है. भारत की मिसाइलों के मुकाबले पाकिस्तान की मिसाइलों के लगातार असफल परीक्षण यह साबित करते हैं कि पाकिस्तान के लिए यह नकल करना एक कठिन कार्य है. अब देखना यह है कि पाकिस्तान आगे कैसे अपनी मिसाइल क्षमता को सुधारता है और क्या वह भारत के मिसाइलों की नकल करके अपनी सैन्य ताकत को सुदृढ़ कर पाता है या नहीं.
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