जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की रूपरेखा स्पष्ट कर दी. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे.
बैठक में पीएम मोदी ने सुरक्षा बलों को "पूर्ण कार्रवाई की छूट" देते हुए यह स्पष्ट संकेत दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ आर-पार की नीति पर आगे बढ़ेगा. उन्होंने सेना को यह अधिकार भी दे दिया कि वे समय और लक्ष्य स्वयं तय करें.
भारत की इस सख्त प्रतिक्रिया से पाकिस्तान की राजनीतिक गलियों में बेचैनी फैल गई. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुरंत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को फोन कर भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई पर चिंता जताई. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ है और वह इस हमले में किसी भी तरह से शामिल नहीं है.
बौखलाए शहबाज यूएन महासचिव से गिड़गिड़ाए
शहबाज शरीफ ने एक्स पर लिखा कि, 'आज शाम संयुक्त राष्ट्र महासचिव @antonioguterres से टेलीफोन पर बातचीत हुई. मैंने आतंकवाद के सभी रूपों की पाकिस्तान द्वारा की गई निंदा की पुष्टि की, भारत के निराधार आरोपों को खारिज किया और पहलगाम घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच का आह्वान किया. मैंने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप जम्मू और कश्मीर विवाद को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाए. पाकिस्तान शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन चुनौती मिलने पर वह अपनी संप्रभुता की पूरी ताकत से रक्षा करेगा.'
UN महासचिव ने की एस जयशंकर से बात
इस बातचीत के बाद यूएन महासचिव ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से संपर्क किया. जयशंकर ने कहा कि, 'संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पहलगाम हमले की निंदा की है और भारत द्वारा दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की प्रतिबद्धता को समर्थन दिया है. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत इस हमले में शामिल गुनहगारों, साजिशकर्ताओं और समर्थकों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है.'
ये भी पढ़ें: अगर भारत ने किया ये काम तो चीन की गोद में बैठे पाकिस्तान को होगा तगड़ा नुकसान, डैग्न से बढ़ जाएगी दूरी