मासूम ने सुनाई, पहलगाम हमले की कहानी : 'पापा को कब गोली लगी, देख नहीं पाया'

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. इस कायराना हमले में 26 लोगों की जान चली गई.

    Pahalgam attack story by a child
    Image Source: ANI

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. इस कायराना हमले में 26 लोगों की जान चली गई. इस दर्दनाक घटना का गवाह बना सूरत के शैलेश कलाथिया का पांच साल का मासूम बेटा नक्ष कलाथिया, जिसने अपनी मासूम आंखों से आतंकियों की क्रूरता को देखा और अपनी मार्मिक आपबीती बयां की. नक्ष ने बताया कि आतंकियों ने सिर पर कैमरा बांधा हुआ था और वे उसके पिता को कुछ भी बोलने नहीं दे रहे थे. 

    'अचानक गोलियों की आवाज गूंजने लगी'

    नक्ष ने अपनी बात को याद करते हुए बताया कि वे परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे. पहलगाम में उन्होंने कई खूबसूरत जगहें देखीं, जिनमें 'मिनी स्विटजरलैंड' भी शामिल था. वहां कुछ देर रुकने के बाद वे एक रेस्टोरेंट में खाना खाने गए. तभी अचानक गोलियों की आवाज गूंजने लगी. शुरू में उन्हें लगा कि शायद कुछ और हुआ हो, लेकिन रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को भी कोई जानकारी नहीं थी. जल्द ही पता चला कि आतंकी इलाके में घुस आए हैं. डर के मारे सभी लोग छिप गए, लेकिन आतंकियों ने उन्हें ढूंढ निकाला. 

    नक्ष ने बताया कि दो आतंकियों ने वहां मौजूद लोगों को धमकाया. एक आतंकी ने चिल्लाकर कहा, "मुसलमान एक तरफ हो जाओ, हिंदू दूसरी तरफ." इसके बाद आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया और उन्हें गोली मार दी. बच्चे ने बताया कि आतंकियों ने तीन बार कलमा पढ़ने को कहा. जो लोग इसे नहीं पढ़ पाए, उन्हें बेरहमी से मार डाला गया. नक्ष ने कहा, "मेरे पापा सबसे आगे थे. उन्हें कब गोली लगी, मैं देख नहीं पाया. मैं सबसे पीछे था."

    'एक आतंकी गोरा था, उसकी दाढ़ी थी'

    आतंकियों के जाने के बाद स्थानीय लोग मदद के लिए आए और बचे हुए लोगों को सुरक्षित नीचे ले गए. नक्ष ने बताया कि वह घोड़े पर सवार था, लेकिन डर के मारे जल्दी उतर गया. उसकी मां और बहन भी पहाड़ से नीचे उतरे. कुछ देर बाद सेना वहां पहुंची और बचे हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. नक्ष ने बताया कि वे पहले आर्मी बेस गए और फिर शाम को होटल पहुंचे. 
    नक्ष ने आतंकियों के हुलिए का भी जिक्र किया. उसने बताया कि एक आतंकी गोरा था, उसकी दाढ़ी थी और उसने टोपी पहनी हुई थी. उसने सिर पर कैमरा बांधा था और सफेद टी-शर्ट के साथ काली जींस पहनी थी. बच्चे ने कहा, "हमें सिर्फ दो आतंकी दिखे. उन्होंने महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया, लेकिन बाकी सबको गोली मार दी. इस घटना के बाद नक्ष और उसका परिवार हेडक्वार्टर में रहे. इस मासूम की आपबीती सुनकर हर कोई स्तब्ध है."

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