आतंकियों ने किस जगह छिपाए थे हथियार? NIA रिपोर्ट में हुआ खुलासा

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपनी जांच तेज कर दी है. प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत है.

    आतंकियों ने किस जगह छिपाए थे हथियार? NIA रिपोर्ट में हुआ खुलासा
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    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपनी जांच तेज कर दी है. प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत है.

    आतंकियों की पहचान और पाकिस्तानी कनेक्शन

    NIA की प्रारंभिक रिपोर्ट में हमले में शामिल पांच आतंकवादियों की पहचान की गई है, जिनमें तीन पाकिस्तानी नागरिक और दो कश्मीरी युवक शामिल हैं. इनमें से असिफ फौजी (कोड नेम मूसा), सुलेमान शाह (कोड नेम यूनुस) और अबू तल्हा (कोड नेम असिफ) पाकिस्तान के निवासी हैं, जबकि आदिल ठोकर और आसिफ शेख कश्मीर के निवासी हैं, जो पाकिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद हाल ही में भारत में घुसपैठ करने में सफल रहे थे. 


    ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) की भूमिका

    जांच में यह भी सामने आया है कि स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) ने आतंकियों की मदद की थी. NIA ने OGW के संपर्कों की सूची तैयार की है और प्रशासनिक व कानूनी कार्रवाई की योजना बना रही है. मौके से मिले खाली कारतूसों की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट भी आनी बाकी है.

    पाकिस्तानी हैंडलर्स से संपर्क

    रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में अपने हैंडलर्स के संपर्क में थे. यह बात NIA के महानिदेशक के नेतृत्व में तैयार की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे गृह मंत्रालय को सौंपा जाएगा.

    लश्कर के हेडक्वार्टर में साजिश की योजना

    जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर में रची गई थी, और इसे ISI के निर्देश पर अंजाम दिया गया. इससे यह स्पष्ट होता है कि यह हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था. इस खुलासे से यह सिद्ध होता है कि पहलगाम आतंकी हमला एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का परिणाम था, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन, खुफिया एजेंसी और सेना की मिलीभगत थी. NIA की जांच से यह भी स्पष्ट होता है कि स्थानीय OGW की भूमिका भी इस हमले में अहम रही है. अब यह देखना होगा कि आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई से इन आतंकवादियों और उनके समर्थकों को किस हद तक सजा दिलाई जा सकती है.

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