'हमला करने से पहले 10 बार सोचेगा भारत, हमारे पास एटम बम है', नवाज शरीफ की बेटी मरियम की गीदड़ भभकी

    Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तनाव गहरा गया है. जहां भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए, वहीं पाकिस्तान की ओर से लगातार परमाणु हथियारों का हवाला देकर जवाबी धमकियां दी जा रही हैं.

    Pahalgam Attack Maryam Sharif remarks on parmanu bomb
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    Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तनाव गहरा गया है. जहां भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए, वहीं पाकिस्तान की ओर से लगातार परमाणु हथियारों का हवाला देकर जवाबी धमकियां दी जा रही हैं. ताज़ा बयान पाकिस्तान की पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज का है, जिन्होंने परमाणु बम को लेकर एक साहसिक दावा किया है.

    “हम पर हमला करने से पहले सोचेगा दुश्मन”

    एक जनसभा को संबोधित करते हुए मरियम नवाज ने कहा कि “भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर पर इस समय तनाव है, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है. अल्लाह के फज़ल से पाकिस्तान की सेना हर खतरे का सामना करने में सक्षम है. दुश्मन हमले से पहले दस बार सोचेगा, क्योंकि हमारे पास एटम बम है.” मरियम ने अपने इस बयान से पाकिस्तान की रणनीतिक ताकत को रेखांकित करने की कोशिश की, साथ ही उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि देश की सुरक्षा अडिग है.

    नवाज शरीफ को बताया परमाणु शक्ति का सूत्रधार

    मरियम ने अपने पिता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तारीफ करते हुए कहा कि “पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनाने में नवाज शरीफ की ऐतिहासिक भूमिका रही है. आज जिस शक्ति का हम हवाला दे रहे हैं, वह उनके विज़न और निर्णय का नतीजा है.”

    भारत के कड़े कदम और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

    22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई. भारत ने इस हमले के जवाब में त्वरित एक्शन लेते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया. इसके जवाब में पाकिस्तान ने न केवल भारत के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, बल्कि लगातार परमाणु हथियारों की धमकी भी देना शुरू कर दी.

    रूस और तुर्किए तक पहुंचा पाकिस्तान

    बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में भी लगा है. उसने रूस से अपील की है कि वह भारत को “शांति बनाए रखने” की सलाह दे. इसके अलावा तुर्किए समेत कुछ और देशों से भी पाकिस्तान ने कूटनीतिक संपर्क बढ़ाए हैं. एक ओर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांतिपूर्ण समाधान की अपील कर रहा है, वहीं दूसरी ओर परमाणु हमले की धमकियां देकर माहौल और भड़काने का काम भी कर रहा है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह बयानबाज़ी कूटनीति का हिस्सा है या अपनी कमजोरी छुपाने की कोशिश?

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