Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. शहीदों के पार्थिव शरीर अब उनके घर लौट रहे हैं. ताबूतों में बंद, मौन लेकिन बहुत कुछ कह रहे हैं. इसी क्रम में आज कानपुर के शुभम द्विवेदी का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. परिवार की आंखों में आंसू हैं, लेकिन दिलों में गुस्सा है, और वो गुस्सा है पाकिस्तान की उस कायराना हरकत के खिलाफ, जिसने एक नवविवाहित जोड़े की जिंदगी उजाड़ दी.
शादी के महज दो महीने बाद टूटा घर
11 फरवरी को शुभम द्विवेदी ने नई ज़िंदगी की शुरुआत की थी. परिवार संग कश्मीर यात्रा पर निकले शुभम उस वक्त आतंकी हमले का शिकार बने, जब वे अपनी पत्नी के साथ बाहर घूम रहे थे. परिवार के बाकी सदस्य होटल में ही थे. बुधवार रात शुभम का पार्थिव शरीर जब लखनऊ पहुंचा, तो पूरा एयरपोर्ट शोक में डूब गया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, और आज सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कानपुर पहुंचकर शुभम को अंतिम विदाई देने आए.
#WATCH | Kanpur | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath arrives at the residence of Shubham Dwivedi, who was killed in the #PahalgamTerrorAttack, and interacts with the grieving family pic.twitter.com/cX7i5uoDaD
— ANI (@ANI) April 24, 2025
सीएम योगी ने किया परिजनों से संवाद
मुख्यमंत्री ने पहले ही शुभम के पिता संजय द्विवेदी से फोन पर बात कर संवेदनाएं जताई थीं. आज उन्होंने व्यक्तिगत रूप से परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया और कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है. उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और ईश्वर से परिवार को इस असहनीय पीड़ा को सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की.
मुंबई में भी गूंजा ग़म और ग़ुस्सा
शुभम अकेले नहीं थे जिन्होंने इस कायराना हमले में जान गंवाई. मुंबई के संजय लेले और अतुल मोने भी इस हमले में शहीद हो गए. बुधवार को मुंबई में उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी, आंखें नम थीं लेकिन आवाज़ बुलंद थी."अब और नहीं, जवाब चाहिए."
क्या देश किसी बड़े कदम की ओर बढ़ रहा है?
हमले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. जनता, मीडिया और राजनीतिक हलकों में एक ही सवाल है. "अब क्या?" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अचानक विदेश दौरा छोड़कर भारत लौटना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि केंद्र सरकार कोई बड़ा कदम उठा सकती है. पिछली बार जब ऐसा हुआ था, तब पुलवामा के जवाब में एयर स्ट्राइक हुई थी.
पल-पल बदलते हालात, लेकिन जनता की मांग साफ है
देश इस समय शोक में है, लेकिन यह शोक अब आक्रोश में बदल रहा है. लोग ताबूत देखकर टूटते नहीं, बल्कि और दृढ़ हो जाते हैं. इस बार भी देश की यही मांग है. पाकिस्तान को करारा जवाब दो. जवाब ऐसा हो कि फिर किसी शुभम, संजय या अतुल की मां को अपने बेटे की लाश ताबूत में न देखनी पड़े. इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत न तो डरता है, न भूलता है, और जवाब देना जानता है, जब वक्त आए.
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